High Court:
रांची। सहायक आचार्य नियुक्ति प्रक्रिया में आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को काउंसलिंग से बाहर करने के मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने जेएसएससी के सचिव को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह के अंदर जवाब देने का निर्देश दिया है।
High Court: कोर्ट ने पूछा-बाहर क्यों कियाः
मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान पूछा कि जब राज्य सरकार ने 5% अंक की छूट को लेकर नियम में संशोधन कर अधिसूचना जारी कर दी थी, तो फिर इन अभ्यर्थियों को काउंसलिंग प्रक्रिया से क्यों बाहर किया गया?
High Court: अगली सुनवाई 12 अगस्त कोः
इस अवमानना याचिका पर अगली सुनवाई 12 अगस्त को होगी। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने कोर्ट को बताया कि एनसीटीई की 2011 की गाइडलाइन के अनुसार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और दिव्यांग उम्मीदवारों को न्यूनतम अर्हता अंकों में 5% की छूट मिलनी चाहिए थी।
High Court: राज्य सरकार के निर्देशों का भी उल्लंघनः
राज्य सरकार ने 29 जनवरी 2024 को नियमों में बदलाव करते हुए इस छूट को मान्यता दी थी, लेकिन इसके बावजूद 45% से अधिक अंक लाने वाले आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को काउंसलिंग प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया। कोर्ट ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए जेएसएससी सचिव से स्पष्ट जवाब मांगा है। अब इसकी अगली सुनवाई 12 अगस्त को होगी।
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