झारखंड की राजनीति का नया चेहरा
झारखंड में अटकलों का दौर तेज
रांची। गांडेय विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में झामुमो की प्रत्याशी और पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने जीत दर्ज की है।
कल्पना ने भाजपा प्रत्याशी दिलीप वर्मा को 26483 वोटों से हराकर एक जननेता के तौर पर झारखंड की राजनीति में कदम रख दिया है।
वह अपनी पहली परीक्षा में बखूबी पास हो गई हैं। गांडेय विधानसभा उपचुनाव पर सबकी निगाहें टिकी थी।
कल्पना सोरेन का राजनीतिक भविष्य इसी उपचुनाव पर टिका था। कल्पना सोरेन ने चुनाव जीतकर विरोधियों को करारा जवाब दिया है।
उनकी जीत के साथ ही झारखंड के सियासी गलियारे में अटकलों का दौर तेज हो गया है। कल्पना के चुनाव जीतने के बाद निश्चित तौर पर झारखंड की राजनीति की दशा और दिशा बदलेगी।
चर्चा है कि अब वह झारखंड की राजनीति में दिशा तय करनेवालों में शामिल होंगी। उन्हें झामुमो का नया चेहरा बताया जा रहा है।
कई लोग उन्हें सत्ता के शीर्ष पर देखने के लिए उतावले हैं।
कल्पना ने धुरंधरों के छक्के छुड़ाये
पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद झामुमो ने अपने पुराने नेता चंपई सोरेन के हाथों में सरकार की बागडोर दी, लेकिन संगठन की बागडोर कल्पना सोरेन ने अपने हाथों में ली।
उन्होंने हेमंत की गैरमौजूदगी में झामुमो को कमजोर होने नहीं दिया। महज 2 महीने में उन्होंने राजनीति और कूटनीति के खेल में राज्य में विपक्ष के बड़े-बड़े धुरंधरों के पसीने छुड़ा दिये।
कल्पना यूं ही चुनाव नहीं जीतीं। उन्होंने इस उपचुनाव को जीतने के लिए भीषण गर्मी में खूब पसीने बहाये।
गांडेय में अपने लिए चुनाव प्रचार किया। उसके बाद इंडी गठबंधन के नेताओं के लिए पूरे राज्य के सभी 14 लोकसभा सीटों पर चुनाव प्रचार में शामिल हुईं।
दिल्ली में इंडी गठबंधन की बैठकों में शामिल हुईं। इंडी गठबंधन के नेताओं के साथ समन्वय स्थापित किया और झारखंड की राजनीति में एक मजबूत राजनीतिक सितारा के रूप में उभरीं।
आज वह पार्टी की स्टार प्रचारक ही नहीं, बल्कि चेहरा बन गई हैं। वो चेहरा जिसे हेमंत सोरेन देखना चाहते थे और जिस वजह से सरफराज अहमद ने विधायकी छोड़ी थी।
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