सरायकेला: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खरसावां शहीद स्थल पर पहुंचकर 77 साल पहले हुए ऐतिहासिक खरसावां गोलीकांड में शहीद हुए वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर उनकी पत्नी कल्पना सोरेन भी उनके साथ उपस्थित थीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शहीदों के परिजनों की पहचान कर उन्हें सरकारी नियुक्ति प्रदान करने का प्रयास करेगी, जैसा गुवा गोलीकांड के शहीदों के परिजनों के साथ किया गया था।
खरसावां गोलीकांड को हेमंत ने किया याद
मुख्यमंत्री ने इस ऐतिहासिक घटना को याद करते हुए कहा कि खरसावां गोलीकांड उस समय हुआ जब देश आजाद हो रहा था। यह घटना आदिवासी समाज की जागरूकता और उनके अधिकारों के लिए किए गए संघर्ष को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि झारखंड के लोगों ने अपने आत्मसम्मान और अधिकारों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।
आदिवासी समाज की प्रकृति से जुड़ी जीवनशैली पर बल
हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड का समाज हमेशा से प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर जीता आया है। उन्होंने बताया कि अगर दुनिया झारखंड के पदचिन्हों पर चलती, तो महामारी जैसी चुनौतियों का सामना बेहतर तरीके से किया जा सकता था।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार शहीदों के परिजनों को सम्मानित करने और उनकी देखभाल करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने गुवा गोलीकांड के उदाहरण का उल्लेख करते हुए बताया कि किस तरह शहीदों के परिजनों को सरकारी नियुक्तियां प्रदान की गईं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीदों की कुर्बानियों की बदौलत आज हम स्वतंत्रता का आनंद ले रहे हैं। उनकी शहादत हमें हमेशा प्रेरणा देती रहेगी। खरसावां शहीद स्थल पर श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने झारखंड के वीर सपूतों की याद में एकजुट होकर उनके बलिदान को सलाम किया।
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