Women Health:
नई दिल्ली, एजेंसियां। अक्सर महिलाओं को यह लगता है कि यदि उन्हें पीरियड्स आ गए हैं, तो गर्भवती होने की कोई संभावना नहीं है। लेकिन यह धारणा हमेशा सही नहीं होती। कई बार गर्भवती महिलाओं को भी पीरियड्स जैसी ब्लीडिंग हो सकती है, जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हो जाती है। ऐसे मामलों में इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग, हार्मोनल असंतुलन या ओव्यूलेशन के समय में बदलाव जैसे कारण शामिल हो सकते हैं। विस्तार में जानिए इन सबके बारे में : –
- इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग
जब निषेचित अंडाणु गर्भाशय की दीवार में चिपकता है, तो हल्की ब्लीडिंग हो सकती है। यह सामान्यतः पीरियड्स से कुछ दिन पहले या आसपास होती है और अक्सर महिलाएं इसे मासिक धर्म समझ लेती हैं। यह गर्भावस्था का प्रारंभिक संकेत हो सकता है। - हार्मोनल असंतुलन
गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल बदलावों के कारण कुछ महिलाओं को स्पॉटिंग या हल्की ब्लीडिंग हो सकती है। इससे यह गलतफहमी हो सकती है कि उन्हें पीरियड्स हो रहे हैं, जबकि वे गर्भवती होती हैं। - ओव्यूलेशन का समय बदलना
यदि किसी महिला का ओव्यूलेशन जल्दी या देर से होता है, तो वह अनजाने में अपने प्रजननशील दिनों में यौन संबंध बना सकती है, जिससे गर्भधारण संभव है। इसके बाद हल्का खून आ सकता है, जिसे महिलाएं पीरियड्स समझ सकती हैं।
Women Health: क्या करें अगर प्रेग्नेंसी का शक हो?
यदि पीरियड्स के बावजूद थकान, मतली, स्तनों में बदलाव या मूड स्विंग्स जैसे लक्षण महसूस हों, तो तुरंत प्रेग्नेंसी टेस्ट करें। किसी भी असामान्य ब्लीडिंग को नजरअंदाज न करें और डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
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