Water drinking habits:
नई दिल्ली, एजेंसियां। पानी जीवन के लिए जरूरी है, लेकिन इसे पीने का तरीका गलत हो तो यह शरीर को फायदा नहीं बल्कि नुकसान पहुंचा सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, खड़े होकर ठंडा पानी पीने से शरीर के कई अंगों पर नकारात्मक असर पड़ता है। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग चलते-चलते या खड़े-खड़े ठंडा पानी पी लेते हैं, जो पाचन तंत्र, किडनी, जोड़ों और नसों के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।
डाइजेस्टिव सिस्टम पर असर:
खड़े होकर ठंडा पानी पीने से यह सीधे पेट में चला जाता है और पाचन क्रिया को बाधित करता है। इससे गैस, अपच और एसिडिटी की समस्या हो सकती है।
किडनी पर दबाव:
तेजी से ठंडा पानी पीने से किडनी पर अचानक दबाव बढ़ जाता है क्योंकि यह तेजी से शरीर में फैलता है और फिल्ट्रेशन प्रक्रिया को प्रभावित करता है।
जोड़ों में दर्द और गठिया का खतरा:
लगातार खड़े होकर ठंडा पानी पीने से शरीर में सूजन और जोड़ों में दर्द हो सकता है। लंबे समय तक ऐसा करने से गठिया जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
नसों पर असर:
बहुत ठंडा पानी नसों को अचानक संकुचित कर देता है, जिससे सिरदर्द, चक्कर या झटके जैसी समस्या हो सकती है।
गले और रेस्पिरेटरी सिस्टम पर असर:
ठंडा पानी गले की परत को नुकसान पहुंचाता है, जिससे टॉन्सिल, खराश, खांसी और जुकाम का खतरा बढ़ जाता है।
दिल की धड़कन और ऊर्जा पर असर:
ठंडा पानी शरीर के तापमान को अचानक कम कर देता है, जिससे दिल की धड़कन में असंतुलन और थकान महसूस हो सकती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि पानी हमेशा बैठकर, सामान्य या गुनगुना पीना चाहिए। धीरे-धीरे पानी पीने से न केवल पाचन सुधरता है बल्कि शरीर की ऊर्जा भी बनी रहती है। सही तरीके से पानी पीना सेहतमंद जीवनशैली की एक जरूरी आदत है।
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