नई दिल्ली। हाल के वर्षों में सबसे बड़ी तबाही कोरोना वायरस ने ही मचाई है। उसने जो दर्दनाक मंजर पैदा किए, वो भुलाए नहीं भूलते। अब भी कोरोना से लोग उबर नहीं सके हैं।
अब कोरोना के इंपैक्ट सामने आ रहे हैं। कोरोना के दिए जख्म अभी तक नहीं भर पा रहे हैं। पहले लोग ये मानते रहे कि कोविड ने लोगों के फेफड़ों को बहुत नुकसान पहुंचाया है। अब पता चल रहा है कि इसने लोगों के दिमाग पर भी असर किया है।
एक स्टडी के मुताबिक कोरोना वायरस के इंफेक्शन ने लोगों के कॉग्निटिव फंक्शन को बुरी तरह प्रभावित किया है। यहां तक कि इससे उनकी मेमोरी पॉवर भी काफी कमजोर हो गई है। साथ ही इसका असर लोगों के दिमाग के आकार पर भी पड़ा है। कई लोगों का दिमाग तो सिकुड़ गया।
स्टडी के मुताबिक जिन लोगों को कोविड का हल्का असर हुआ था उनका दिमाग करीब 7 साल तक बूढ़ा हो गया। ये ऐसे लोग थे जिन्हें कोविड का असर तो हुआ, लेकिन घर पर रहकर ही ठीक हो गए।
जबकि जिन लोगों को रिकवरी के लिए अस्पताल में भर्ती करना पड़ा या बहुत ज्यादा देखभाल की जरूरत पड़ी। ऐसे लोगों का दिमाग 20 साल तक बूढ़ा हो गया है।
स्टडी के मुताबिक लोगों के बूढ़ा होने के पीछे कोविड के इंफ्केशन के चलते दिमाग में आई सूजन और सिकुड़न है। कोविड के चलते लोगों के दिमाग के आकार भी बदल गए हैं। किसी के दिमाग में सूजन आई तो किसी का दिमाग सिकुड़ गया।
स्टडी के मुताबिक, 1 लाख से अधिक लोगों के ऊपर अध्ययन किया गया। इसमें लोगों के कॉग्निटिव फंक्शन, रीजनिंग पॉवर, मेमोरी और टास्क परफॉर्मेंस को टेस्ट किया गया। इसमें सामने आया कि कोविड ने लोगों के IQ पर भी बुरा असर डाला है।
जिन लोगों पर कोविड का हल्का असर हुआ था उनका IQ 3 पॉइंट तक कम हो गया है। जो लोग इससे अधिक प्रभावित हुए थे, उनका IQ 6 से 9 पॉइंट तक घट गया।
स्टडी के मुताबिक जिन लोगों को कोविड के चलते अस्पताल ले जाने की नौबत आई, उन्हें ब्रेन फॉग हुआ। इसके चलते उनका ब्लड-ब्रेन बैरियर भी प्रभावित हुआ, जिसे नर्वस सिस्टम का रक्षा कवच माना जाता है। नर्वस सिस्टम हमारे शरीर का कमांड और कंट्रोल सेंटर होता है।
इन सभी कारणों के चलते जिन लोगों की उम्र 60 साल से अधिक थी, ऐसे ज्यादातर लोग कोविड के कारण डिमेंशिया का शिकार हो गए।
डाक्टर बताते हैं कि कोरोना बड़ी रहस्यमई बीमारी साबित हुई है। जैसे-जैसे स्टडीज सामने आ रही हैं, शरीर को इससे हुए नुकसान की लिस्ट बढ़ती जा रही है। दिमागी नुकसान को लेकर जो स्टडी सामने आई है, उसके पीछे के तर्क भरोसे लायक हैं।
मृत लोगों के ब्रेन की बायोप्सी इसे और मजबूत बनाती है। हम मानकर चल सकते हैं कि हर किसी के दिमाग को किसी न किसी स्तर पर नुकसान पहुंचा है। बेहतर है कि इससे उबरने के उपायों पर काम किया जाए।
अब सवाल है कि इससे उबरे कैसे।
खानपान में सुधार कर लिया जाए तो कोरोना वायरस के चलते हुए दिमागी नुकसान की काफी हद तक भरपाई की जा सकती है।
इसके लिए जरूरी है कि खाने में फाइबर रिच फूड आइटम्स बढ़ाए जाएं और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर चीजों का सेवन किया जाए।
फल ज्यादा मात्रा में खायें। तैलीय चीजों से दूर रहें। छना-तला कम खायें और अंकुरित चना का नियमित सेवन करें। ड्राई फ्रूट्स में अखरोट और बादाम जरूर खायें।
ये ड्राई फ्रूटस दिमाग को स्वस्थ रखते हैं। इसके अवावा नियमित वाक और एक्सरसाइज जरूरी है।
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