रांची। झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को स्पेशल ब्रांच का इस्तेमाल कर संथाल इलाके में बांग्लादेशी घुसपैठियों को चिह्वित कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
दानयाल दानिश की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस और जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ ने यह आदेश पारित किया है।
जनहित याचिका पर हुई सुनवाई के आदेश की विस्तृत कॉपी हाईकोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड है।
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट रूप से कहा है कि जिला प्रशासन संथाल के छह जिलों में पहचान के लिए इस्तेमाल होने वाले दस्तावेज जैसे राशन कार्ड, आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र जारी करने से पहले उस व्यक्ति की भूमि व अन्य दस्तावेजों का मिलान करें।
22 अगस्त को होगी अगली सुनवाई
हाईकोर्ट ने दानयाल दानिश की जनहित याचिका में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के महानिदेशक, यूनिक आइडेंटीफिकेशन अथॉरिटी (UID) के महानिदेशक, भारतीय चुनाव आयोग, इंटेलिजेंस ब्यूरो के महानिदेशक और नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के निदेशक को भी प्रतिवादी बनाया है।
प्रार्थी का पक्ष रख रहे अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि वर्ष 1951 से 2011 के बीच घुसपैठियों के प्रवेश करने से संथाल में अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या में 44.67% से 28.11% की गिरावट आयी है।
वहीं दूसरी ओर मुस्लिम जनसंख्या में 9.44% से 22.73% की बढ़ोत्तरी दर्ज की गयी है। अदालत अब इस मामले में 22 अगस्त को सुनवाई करेगा।
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