रांची। रांची विश्वविद्यालय के अतिथि शिक्षकों ने नीड बेस्ड टीचरों की बहाली प्रक्रिया को रुकवाने के राज्य सरकार के निर्णय का स्वागत किया है। मोरहाबादी में आयोजित एक बैठक में अतिथि शिक्षकों ने इस फैसले को अपनी लंबे समय से चली आ रही मांग के रूप में स्वीकार किया।
अतिथि शिक्षकों की प्रमुख मांग
अतिथि शिक्षक संघ के अध्यक्ष अरविंद प्रसाद ने बताया कि उनका हमेशा से यह कहना रहा है कि उनका समायोजन नीड बेस्ड शिक्षकों के साथ किया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि नई नियुक्ति प्रक्रिया में अतिथि शिक्षकों के साथ भेदभाव हो रहा है, जिससे उनका नुकसान हो रहा है।
विश्वविद्यालय के रवैये पर सवाल
डॉ. धीरज सिंह सूर्यवंशी ने विश्वविद्यालय प्रशासन के दोहरे रवैये पर सवाल उठाया। उनका कहना था कि विश्वविद्यालय के कुलपति सरकार के निर्णय के खिलाफ शिकायत कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पहले से कार्यरत अतिथि शिक्षकों को काम करने से रोक रहे हैं। यह स्थिति समझ से बाहर है।
आंदोलन की योजना
अतिथि शिक्षक संघ ने साफ किया कि वे अपने खिलाफ हो रहे अन्याय का विरोध करेंगे और यदि जरूरत पड़ी तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे। उन्होंने राज्य सरकार से यह भी मांग की कि पहले से कार्यरत अतिथि शिक्षकों को सम्मानपूर्वक काम करने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए जाएं।
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