पटना,एजेंसियां: बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का सोमवार रात निधन हो गया।
सुशील मोदी बिहार के वरिष्ठ बीजेपी नेताओं में से एक थे। वह 72 वर्ष के थे। पिछले कुछ महीनों से वो कैंसर से पीड़ित थे।
उनके गले में कैंसर था। इसका दिल्ली AIIMS में इलाज चल रहा था। वहीं उन्होंने अंतिम सांस ली।
सुशील मोदी के निधन की खबर से बिहार की राजनीति में शोक की लहर दौड़ पड़ी। बिहार बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं ने उनके निधन पर शोक प्रकट करते हुए इसे अपूरणीय क्षति करार दिया।
परिजनों के मुताबिक, उनका पार्थिव शरीर मंगलवार को पटना के राजेंद्र नगर स्थित उनके आवास पर लाया जाएगा। कल उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
सुशील मोदी के निधन की जानकारी बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट करके दी।
सम्राट चौधरी ने दुख जताते हुए लिखा कि ‘बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री व पूर्व राज्यसभा सांसद श्री सुशील कुमार मोदी जी के निधन पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि।यह बिहार भाजपा के लिए अपूरणीय क्षति है।
मेरे जैसे अनगिनत कार्यकर्ताओं के लिए एक अपूरणीय क्षति: विजय कुमार सिन्हा
तो वहीं बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने एक्स पर एक पोस्ट करते हुए लिखा, ‘बिहार बीजेपी के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी जी अब हमारे बीच नहीं रहे।
यह पूरे भाजपा संगठन परिवार के साथ-साथ मेरे जैसे अनगिनत कार्यकर्ताओं के लिए एक अपूरणीय क्षति है।’
सिन्हा ने कहा, ‘उन्हें उनके संगठन कौशल, प्रशासनिक समझ और सामाजिक राजनीतिक मुद्दों पर उनके गहन ज्ञान के लिए हमेशा याद किया जाएगा।’
सिन्हा ने कहा कि भगवान दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और दुख की इस घड़ी में परिवार को शक्ति प्रदान करें।
नीतीश कुमार लंबे समय से बिहार के मुख्यमंत्री हैं। और, सुशील कुमार मोदी दोनों के साथ भी रहे और दोनों से दूर भी।
अब दोनों से स्थायी तौर पर दूर हो गए सुशील कुमार मोदी। तीनों का करीब पांच दशकों का साथ था।
भारतीय जनता पार्टी से कभी लालू प्रसाद यादव भी करीब हुए थे तो उसमें सुशील कुमार मोदी की भूमिका मानी जाती थी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के तो भाजपा से हर बार करीब आने की वजह ही सुशील मोदी रहे। खास बात यह भी कि लालू से लंबे समय से दूरी में सुशील मोदी हमलावर भूमिका में अग्रणी रहे।
आज उनके निधन से यूं तो राजनीति में हर कोई आहत है, लेकिन इन दोनों पर इसका असर ज्यादा होगा। उसमें भी नीतीश पर सर्वाधिक। क्योंकि, वह हमेशा नीतीश के सबसे पसंदीदा डिप्टी सीएम रहे।
इसे भी पढ़ें