विवि अधिकारियों ने दी सीएम को जानकारी
रांची। झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूजे) के वीसी प्रो. क्षिति भूषण दास विवि अधिकारियों के साथ सीएम हेमंत सोरेन और विधायक कल्पना सोरेन से मिले और नई गई सरकार के गठन पर बधाई देते हुए समस्याओं से अवगत कराया।
समस्याएं और बाधाओं को सुनने के बाद सीएम ने संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश देने का आश्वासन दिया है। वीसी ने बताया कि 15 साल पहले एक मार्च 2009 को सीयूजे की स्थापना हुई थी।
इसके लिए सरकार को 500 एकड़ भूमि नि:शुल्क उपलब्ध कराई जानी थी। लेकिन 319 एकड़ रैयती भूमि हस्तांतरित नहीं हो सकी है, जो विवि के विकास में बाधक है। ब्लॉक के अधिकारी का रवैया टालमटोल का रहा है।
ग्रामीण कर रहे विरोधः
हस्तांतरित भूमि के विरोध में ग्रामीणों द्वारा विरोध के कारण भूमि का पॉजिशन नहीं हो पा रहा है। प्रस्तावित रैयती और गैरमजरूआ भूमि को भू-माफियाओं द्वारा अवैध रूप से खरीद-बिक्री की जा रही है।
मौके पर चीफ प्रॉक्टर डॉ. मयंक रंजन और पीआरओ नरेंद्र कुमार भी थे। कहा कि विवि को जो भूमि उपलब्ध कराई गई है, उसके बीच में रैयती भूमि है। इसका अधिग्रहण जरूरी है। ताकि बिना बाधा के निर्माण किया जा सके।
कैंपस में रहते हैं 500 स्टूडेंट्सः
सीयूज कैंपस में 500 छात्र-छात्राएं रहते हैं। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस चौकी स्थापित की जाए। रिंग रोड से विवि तक पहुंच पथ का निर्माण कार्य शीघ्र पूरा किया जाए।
खराब सड़क के कारण अक्सर दुर्घटना होते रहती है। छात्रों की बस भी पलट चुकी है। स्टाफ की मृत्यु हो चुकी है। जलापूर्ति की व्यवस्था करने की ओर भी ध्यान आकृष्ट कराया है।
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