गोरखपुर। ED ने उत्तर प्रदेश के एक और बाहुबली को निशाने पर लिया है। पूर्व कैबिनेट मंत्री दिवंगत पंडित हरिशंकर तिवारी के बेटे की ठिकानों पर ईडी की रेड चल रही है।
उनके कैंट थाना क्षेत्र के धर्मशाला स्थित आवास पर भी रेड चल रही है। पूरा तिवारी हाता पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है। ईडी की टीम ने शुक्रवार को गंगोत्री इंटरप्राइजेज के कई ठिकानों पर छापेमारी की है।
कंपनी पर करीब 750 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड का आरोप है। इसी को लेकर ईडी गोरखपुर से लेकर गुरुग्राम तक छापेमारी कर रही है।
ईडी लखनऊ जोन ने गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड से संबंधित बैंक धोखाधड़ी के मामले में तलाशी अभियान के दौरान कई दस्तावेज जब्त किये हैं।
यह कंपनी सड़कों का निर्माण, टोल प्लाजा का संचालन और सरकारी अनुबंधों में काम करती है। इसके मेन प्रमोटर्स विनय शंकर तिवारी, रीता तिवारी और अजीत पांडे हैं।
इससे पहले नवंबर महीने में ईडी ने मेसर्स गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड की करीब 72 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी।
आज ईडी ने लखनऊ के साथ ही गोरखपुर, नोएडा, अहमदाबाद और गुरुग्राम में 10 परिसरों पर कार्रवाई को अंजाम दिया है।
फिलहाल छापेमारी जारी है। तिवारी परिवार की ओर से इसे लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर बदले की कार्रवाई का भी आरोप लगाया जा रहा है।
वहीं, ईडी के मुताबिक, पिछले 10 साल में जो संपत्ति उन्होंने अर्जित की है, उसका ब्योरा खंगालने के लिए यह कार्रवाई की जा रही है।
कंपनी के प्रमोटर विनय शंकर तिवारी उत्तर प्रदेश के पूर्व कद्दावर नेता और कैबिनेट मंत्री रहे हरिशंकर तिवारी के बेटे हैं।
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