रांची। हेमंत सोरेन को हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद न सिर्फ जेल से बाहर आ चुके हैं, बल्कि उन्होंने दोबारा राज्य की सत्ता भी संभाल ली है।
पर लैंड स्कैम के मनी लॉन्ड्रिंग के जिस मामले में हेमंत सोरेन को जेल हुई थी और अब जमानत पर रिहा है, उसी मामले में ईडी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है।
ईडी ने हेमंत सोरेन की बेल को चुनौती दी है। हेमंत सोरेन की बेल को ईडी ने अवैध बताया है।
ईडी ने यह भी आशंका जताई है कि हेमंत सोरेन बाहर रहकर सबूतों से छेड़छाड़ भी कर सकते हैं। हालांकि ईडी की याचिका अभी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं हो पायी है।
क्या हो सकता है सुप्रीम कोर्ट का नजरिया?
ईडी की यह याचिका सुप्रीम कोर्ट में सूचीबद्ध होने के बाद सुनवाई के दौरान कोर्ट का क्या नजरिया होगा, इस पर सभी की निगाहें होगी।
दरअसल, हाईकोर्ट ने जिन बिन्दुओं पर हेमंत सोरेन को जमानत दी है। ईडी ने उन्हें चुनौती दी है। ईडी ने याचिका में कहा है कि हाईकोर्ट का आदेश गैर कानूनी है।
यानी कोर्ट का आदेश पीएमएलए एक्ट के प्रावधानों के खिलाफ है। ईडी ने हाईकोर्ट की उस टिप्पणी पर भी आपत्ति जतायी है, जिसमें कहा गया है कि हेमंत सोरेन के खिलाफ प्रथम दृष्टया कोई मामला नहीं बनता है।
ईडी ने कहा है कि हाईकोर्ट के आदेश में कई प्रक्रियागत चूक और अनदेखी हुई है। इसलिए इस पर शीघ्र सुनवाई की जरूरत है।
बता दें कि झारखंड हाईकोर्ट ने 28 जून को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दी है। हाईकोर्ट ने हेमंत सोरेन को जमानत देते हुए कहा था कि ईडी ने हेमंत सोरेन पर जो आरोप लगाये हैं, उससे सम्बंधित वह कागजात नहीं पेश कर पायी।
इतना ही नहीं, कोर्ट ने यह भी कहा था कि ईडी ने जितने लोगों के बयान इस मामले में लिए थे, उससे यह कहीं नहीं साबित होता है कि जमीन का हेमंत सोरेन से कोई सम्बंध है।
इसे भी पढ़ें
हेमंत सोरेन की जमानत को ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में किया चैलेंज, दी ये दलील