Shibu Soren:
रांची। झारखंड के दिग्गज आदिवासी नेता और झारखंड आंदोलन के पुरोधा दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन के बाद उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न दिए जाने की मांग तेज हो गई है। झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने सोमवार को नेमरा गांव में मीडिया से बातचीत के दौरान केंद्र सरकार से इस सर्वोच्च नागरिक सम्मान की घोषणा करने की भावुक अपील की।
डॉ. अंसारी ने कहा
डॉ. अंसारी ने कहा, “यह सिर्फ एक राजनीतिक नुकसान नहीं है, यह एक पारिवारिक शोक है। गुरुजी ने मुझे हमेशा पिता तुल्य स्नेह दिया। वे मुझे ‘बॉक्सिंग’ के अंदाज़ में आशीर्वाद देते थे। आज झारखंड के जंगल, पहाड़, नदियां और जमीन भी शोक में हैं। राज्य अनाथ हो गया है।”स्वास्थ्य मंत्री ने शिबू सोरेन के योगदान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने झारखंड के मूलवासी, आदिवासी, दलित और अल्पसंख्यक समुदायों की आवाज को न केवल बुलंद किया, बल्कि जमींदारी प्रथा, पूंजीपतियों और सूदखोरों के खिलाफ लंबा संघर्ष किया। उनका जीवन जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए समर्पित था।
डॉ. अंसारी ने राष्ट्रपति से की भारत रत्न की अपील
डॉ. अंसारी ने राष्ट्रपति से तत्काल भारत रत्न की घोषणा की अपील करते हुए कहा, “भारत रत्न से बड़ा कोई सम्मान नहीं और यही उनके संघर्ष व योगदान का सच्चा सम्मान होगा। इसमें अब और देर नहीं होनी चाहिए।”शिबू सोरेन न केवल झारखंड आंदोलन के एक मजबूत स्तंभ थे, बल्कि तीन बार केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं और झारखंड के मुख्यमंत्री पद पर भी उन्होंने सेवा दी। झारखंड की राजनीति में उनका नाम संघर्ष और पहचान की लड़ाई का प्रतीक माना जाता है।
अब देखना यह है कि क्या केंद्र सरकार उनकी स्मृति को भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देती है या नहीं। झारखंड में आमजन और समर्थकों के बीच भी यह मुद्दा तेजी से समर्थन पा रहा है।
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