Nowgam police station blast:
श्रीनगर, एजेंसियां। जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के नौगाम पुलिस थाने में शुक्रवार देर रात करीब 11:20 बजे हुए जोरदार विस्फोट ने पूरे क्षेत्र को हिला दिया। इस धमाके में नौ लोगों की मौत हो गई, जबकि 27 अन्य घायल हो गए, जिनमें पुलिसकर्मी, फोरेंसिक अधिकारी और तकनीकी कर्मचारी शामिल हैं। धमाका इतना शक्तिशाली था कि इसकी आवाज सात किलोमीटर दूर तक सुनी गई। घटना के बाद थाने परिसर में आग लग गई, जिसमें एक दर्जन से अधिक वाहन जलकर खाक हो गए।
फरीदाबाद से जब्त विस्फोटकों की सैंपलिंग के दौरान हादसा
अधिकारियों के अनुसार, यह धमाका उस समय हुआ जब पुलिस ‘सफेदपोश’ आतंकी मॉड्यूल मामले में फरीदाबाद से जब्त किए गए विस्फोटकों के बड़े जखीरे से नमूने निकाल रही थी। जब्त सामग्री में अमोनियम नाइट्रेट और NPS शामिल था। जांच अधिकारियों का कहना है कि नमूना प्रक्रिया के दौरान अनजाने में विस्फोट हो गया, लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी प्रतीक्षारत है।19 अक्टूबर को इसी थाने की जांच में जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़े सफेदपोश मॉड्यूल का पर्दाफाश हुआ था। इसी मामले में दो ओजीडब्ल्यू की गिरफ्तारी के बाद फरीदाबाद में 2,900 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक सामग्री और भारी मात्रा में हथियार बरामद किए गए थे। सूत्रों के अनुसार, 360 किलो और 2,550 किलो अमोनियम नाइट्रेट व NPS नौगाम पुलिस स्टेशन में लाए गए थे।
इलाके की घेराबंदी, बचाव कार्य में बाधा:
धमाके के तुरंत बाद पुलिस और CRPF ने पूरे इलाके को सील कर दिया। रात में किसी को भी थाने के पास जाने की अनुमति नहीं थी। लगातार हो रहे छोटे-छोटे विस्फोटों के कारण बम निरोधक दस्ता तुरंत बचाव कार्य शुरू नहीं कर पाया। इसके चलते राहत और रेस्क्यू ऑपरेशन में देरी हुई।घायलों को SMHS अस्पताल, सेना के 92 बेस अस्पताल और उजाला सिग्नस अस्पताल में भर्ती कराया गया। 92 बेस अस्पताल को अलर्ट पर रखा गया है ताकि ज़रूरत पड़ने पर अतिरिक्त मेडिकल सहायता उपलब्ध कराई जा सके।
वरिष्ठ अधिकारियों ने किया दौरा:
घटना की जानकारी मिलते ही CRPF के IG पवन कुमार शर्मा और जम्मू-कश्मीर के DGP नलिन प्रभात मौके पर पहुंचे। उन्होंने घटनास्थल का जायजा लिया और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। फिलहाल पुलिस यह जांच कर रही है कि पूरा 2,900 किलो विस्फोटक नौगाम थाने में रखा था या केवल उसकी एक मात्रा वहां मौजूद थी।
मृतकों की पहचान जारी, जांच तेज:
अब तक विस्फोट स्थल से नौ शव निकाले जा चुके हैं। पुलिस ने कहा है कि मृतकों की पहचान की प्रक्रिया जारी है। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि धमाका फरीदाबाद से लाई गई विस्फोटक सामग्री की सैंपलिंग के दौरान हुआ। अधिकारियों ने बताया कि आगे की जांच फोरेंसिक विशेषज्ञों की सहायता से की जा रही है।यह हादसा सुरक्षा व्यवस्था और विस्फोटक सामग्री के प्रबंधन को लेकर कई बड़े सवाल खड़े कर रहा है। पुलिस और जांच एजेंसियां घटना के हर पहलू की गहराई से जांच कर रही हैं।



