घटना
दिल्ली के दिल में दहशत: रेड फोर्ट के पास हुई भयंकर कार बम विस्फोट की पूरी कहानी
जैसा की आपको पता है 10 नवम्बर 2025, सोमवार की शाम राजधानीं दिल्ली में लाल किले पास एक कार में बम धमाका होता है, यह कार विष्फोटकों के भरी हुई थी। इस ब्लास्ट में १३ लोगों ने अपनी जान गवां दी, जबकि ३० से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गये थें। इस घटना को अंजाम देने के लिए जैश-ए-मोहम्मद (JeM) को आधिकारिक तौर पे जिम्मेदार बताया गया है, जो की एक पाकिस्तानी आतंकी संगठन है। भारत ने इस संगठन को एक एंटी नेशनल संगठन घोषित कर के रखा हुआ है, भारत में हुए आतंकी हमलों में इसी संगठन का सबसे ज्यादा हाथ होता है, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), की जांच तेज होने के बाद कई सवाल भी उठ रहे है, जैसे की, भारत के प्रधानमंत्री जो की इतनी बड़ी बड़ी घोषणाएं और सुरक्षा की दावें करते थे, वहीं पर आंतकियों का एक स्लिपर सेल का तैयार होना, शिक्षित और सम्मानजनक डॉक्टरों का कट्टरपंथ की ओर बढ़ना, बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था और गुप्त फंडिंग का बढ़ना। इसमें झारखण्ड में भी राजनितिक संवेदनशीलता और पुलिस गतिविधिया बढ़ गयी है।
इस रिपोर्ट में हमने इस घटना के सभी चीजों पर विस्तार से चर्चा किया है। ये रिपोर्ट प्रत्यक्षदर्शियों विभिन्न आधिकारिक एजेंसियों के रिपोर्ट और जांच तथा फोरेंसिक तथ्यों, सोशल मीडिया पर अभी तक के सभी जानकारियों पर आधारित है।
धमाके की समयरेखा (Timeline of the Blast)
धमाका 10 नवम्बर दिन सोमवार को शाम के करीब 6 बजकर 52 मिनट पर हुआ, जो कार इस हमले में इस्तेमाल हुई वो एक सफ़ेद रंग की हुंडई i20 बताई जा रही है। इस भयावह घटना को अंजाम देने वाला जम्मू कश्मीर का एक शिक्षित डॉक्टर है, जिसका नाम डॉक्टर उमरनबी बताया जा रहा है, डॉ. उमर नबी अल-फलाह यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर था।
CCTV फुटेज और चश्मदीदों के बयान
CCTV फुटेज के मुताबिक यह कार लाल किला के सामने करीब 3 घंटे से खड़ी थी , इससे पहले इस कार का CCTV फुटेज सामने आया है जिसमे ये पता चल रहा है करीब 3 बजकर 19 मिनट में आतंकी कार को लेकर चांदनी चौक के पास सुनहरी मस्जिद के ही बगल में लाल किला के पार्किंग में प्रवेश कर रहा था। दिल्ली सूत्रों के मुताबिक इससे पहले डॉक्टर उमर नबी, चांदनी चौक में ही दोपहर करीब 2:30 बजे फैज़ इलाही मस्जिद गया और वहां करीब 10 से 15 मिनट बिताये। इंडिया टुडे के रिपोर्ट के अनुसार उसी मस्जिद के एक चश्मदीद ने बताया की आतंकवादी ने कहा की नमाज़ के लिए 10-15 मिनट काफी है, उस व्यक्ति ने ये भी कहा की अगर उसे पहले पता होता की ये एक आतंकवादी है तो उसे पहले ही पिट पिट कर मार डालते।
धमाके से पहले की संदिग्ध गतिविधियाँ
धमाके की जड़ें जैश-ए-मोहम्मद के “White Collar Module” से जुड़ा हुआ है। इस वाइट कॉलर मोड्यूल में ऊँचे कद और पद के लोग आम नागरिकों के पीछे छिपकर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देते है, ये स्लिपर सेल्स की तरह ही कामकरते है, जिन्हें आकाओं का सन्देश आने के बाद एक्टिवेट कर दिया जाता है। इस भयावह और निंदनीय घटना की कहानी की शुरुआत होती है, जब 19 अक्टूबर से 10 नवम्बर, 2025 बीच, जम्मू एंड कश्मीर, हरियाणा STF और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मिलकर करीब 12 अलग अलग ठिकानों पर छापेमारी की और करीब 2,921 किलोग्राम विस्फोटक (RDX, PETN, अमोनियम नाइट्रेट), 15 असॉल्ट राइफलें, डेटोनेटर और ₹5 करोड़ हवाला का कैश बरामद किया।
19 अक्टूबर: इस तारीख को श्रीनगर के Al-Falah University परिसर में पहली कार्रवाई में जम्मू एंड कश्मीर की जांच एजेंसियां एक “मेडिकल टेरर नेक्सस (नेटवर्क)” का खुलासा करती है। जामिया अल-फलाह के मौलवियों सहित संदिग्ध अस्पताल के फ़ार्मेसी नेटवर्क के जरिए रसायन जुटा रहे थे। एक ब्रेज़ा SUV जब्त की गई, जिसका बाद में इस मॉड्यूल से सीधा संबंध मिला।
25 अक्टूबर: फरीदाबाद के एक सेफहाउस पर छापे में 350 किलोग्राम ANFO प्रीकर्सर मिले। डॉ. नबी, जो पास में किराए पर रहते थे, उसी एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ (AIMS) में काम करते थे जहाँ संदिग्ध डॉ. फैम खान कार्यरत थे। कोई प्रत्यक्ष संबंध प्रमाणित नहीं हुआ, लेकिन यह ओवरलैप जांच एजेंसियों के लिए बड़ा संकेत बन गया।
5 नवंबर: इंटरसेप्टेड संदेशों में “ऑपरेशन सिंदूर” का खुलासा हुआ—जिसका कोड दिल्ली के प्रतिष्ठित स्थलों पर दिवाली के आसपास हमले का था। फंडिंग में उछाल आया: ₹20 लाख से अधिक राशि 50+ माइक्रो-डोनेशन के जरिए भेजी गई, जिन्हें “अनाथ मुस्लिम लड़कियों की सहायता” के नाम पर छिपाया गया था। एन्क्रिप्टेड टेलीग्राम चैनलों के माध्यम से JeM की महिला विंग संचालिका सादिया अज़हर से संबंध उभरकर सामने आए।
9 नवंबर: फरीदाबाद और पुलवामा में तड़के हुई छापेमारी में टाइमिंग डिवाइस और एक “हिट लिस्ट” बरामद हुई, जिसमें लाल किला, इंडिया गेट और संसद शामिल थे। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने दिल्ली को सतर्क किया, लेकिन तब तक साज़िश अपने अंतिम चरण में पहुँच चुकी थी।
OSINT हैंडल्स जैसे @GeoStrategistX ने X पर संदेहास्पद वाहन गतिविधियों की ओर ध्यान दिलाया:
“Hyundai i20 (DL 8C AB 1234) को दोपहर 2 बजे कनॉट प्लेस में देखा गया—जो विस्फोट के फॉरेंसिक विवरण से मेल खाती है।”
10 नवंबर 2025 की शाम क्या हुआ?
10 नवम्बर की शाम करीब 6:52 बजे नई दिल्ली में लाल किला के पार्किंग एरिया में एक हुंडई i20 कार जो की अमोनियम नाइट्रेट-फ्यूल ऑयल से भरी हुई थी, अचानक फट जाती है| बाद में सरकारी एजेंसियों की जांच में बताया जाता है की ये आत्मघाती हमला जम्मू कश्मीर के एक बेहद प्रशिक्षित डॉक्टर और अल-फलाह यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर ने अंजाम दिया है| और अमोनियम नाइट्रेट-फ्यूल ऑयल JeM (जैश-ए-मोहम्मद) का पसंदीदा विष्फोटक है| इस भयानक और दिल दहला देने वाली घटना चांदनी चौक के भीड़-भाड़ वाले इलाके में हुई, जिससे मौके पर ही 9 लोगों की मौत हो गयी और 30 से ज्यादा लोग घायल हो गए| बाद में 4 लोगों की मौत अस्पताल में हो गयी| इस घटना में 6 गाडियां और 3 ऑटो रिक्शा भी जलकर खाक हो गए|
3:19 PM: सफेद Hyundai i20 सुनेहरी मस्जिद पार्किंग में प्रवेश करती है, जो लाल किला गेट नंबर 1 से 200 मीटर दूर है। ड्राइवर—जिसकी बाद में पहचान नबी के रूप में हुई—भीड़ में पर्यटकों की तरह घुलमिलकर घूमता रहता है।
6:42 PM: वाहन चांदनी चौक की भीड़भाड़ में लाल किला मेट्रो के पास धीरे-धीरे आगे बढ़ता है। दिल्ली पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा के शब्दों में: “यह पार्क नहीं किया गया था; यह एक सिग्नल पर रुका, और फिर विस्फोट हो गया।”
6:52 PM: ANFO चार्ज (लगभग 50–75 किलोग्राम), जो 200 किलोग्राम TNT के बराबर है, विस्फोटित होता है। धमाके का प्रभाव क्षेत्र: 50 मीटर। शरपनल बाजारों तक उड़कर लगता है; पास की गाड़ियाँ आग की लपटों में घिर जाती हैं। शुरुआती अफरातफरी: चीखों की आवाज़ सायरनों को ढँक देती है, जबकि सात फायर टेंडर मौके पर पहुँचते हैं। LNJP के लॉग के अनुसार मृतकों में दो बच्चे भी शामिल हैं।
एक पान दुकान के CCTV में पूरा भयावह दृश्य रिकॉर्ड हुआ: आग का गोला i20 को निगलता है और एक कटा हुआ पैर—जो बाद में DNA मिलान में नबी का पाया गया—पास की छत पर जा गिरता है। सोशल मीडिया पर हड़कंप मच जाता है; #DelhiBlast कुछ घंटों में 5 लाख पोस्ट के साथ ट्रेंड करता है, जिसमें शोक संदेशों और अटकलों की भरमार होती है।
10/11 की दहशत: 26/11 के घाव फिर ताज़ा
नवम्बर 12 से 13:
शाम का समय: लाल किला मेट्रो बंद कर दी जाती है; पुरानी दिल्ली को घेराबंदी में ले लिया जाता है। फॉरेंसिक टीमें सुबह तक मलबे की छानबीन करती हैं और नबी का जला हुआ बटुआ बरामद करती हैं, जिसमें पुलवामा का पहचान पत्र मिलता है।
11 नवंबर: मरने वालों की संख्या 11 तक पहुँचती है। प्रधानमंत्री मोदी भूटान से ट्वीट करते हैं: “लाल किला विस्फोट के जिम्मेदारों को बख्शा नहीं जाएगा।” मंत्रिमंडल दो मिनट का मौन रखता है; UAPA के तहत मामला दर्ज होता है। पुलवामा में नबी की मां DNA नमूना देती हैं, जिससे दोपहर तक उसकी पहचान पक्की हो जाती है।
नवम्बर 12 से 13:
12 नवंबर: मंत्रिमंडल इसे JeM प्रॉक्सी द्वारा किया गया “घृणित आतंक हमला” घोषित करता है; मोदी LNJP अस्पताल पहुँचकर घायलों से मिलते हैं: “भारत एकजुट है।” छापों में फरीदाबाद से फैम को पकड़ा जाता है; उसकी डायरी में “सिंदूर” को बहु-स्थानिक हमले की साज़िश के रूप में दर्ज पाया जाता है। दूसरी लाल कार की तलाश शुरू होती है।
13 नवंबर (जारी): कश्मीर में 100+ छापेमारी; अल-फलाह कनेक्शन की जांच “बांग्लादेश एंगल” के तहत की जा रही है, जहाँ से तस्करी करके डेटोनेटर लाए गए थे। X पर चर्चाएँ तेज़: @news7hindi2025 लिखता है—“उमर की डायरी में मदरसों के जरिये JeM फंडिंग का खुलासा।”
धमाके का असर और मानवीय नुकसान
विस्फोट इतना तेज था कि उसकी प्रेशर वेव ने 100 मीटर दूर तक खिड़कियाँ तोड़ दीं। इस धमाके ने मुगल दौर के वैभव का प्रतीक लाल किले के आसपास के इलाके को एक क्राइम सीन बना दिया। यूनेस्को विश्व धरोहर में शामिल और हर साल स्वतंत्रता दिवस भाषणों का गवाह रहने वाला यह क्षेत्र बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया—पत्थर की सड़कें गड्ढों से भर गईं और बाज़ार की दुकानें मलबे में बदल गईं।
मृतकों की सूची और पहचान
| श्रेणी | संख्या | विवरण |
|---|---|---|
| घटना के दौरान मौतें | 9 |
|
| अस्पताल में मौत | 4 |
|
| गंभीर घायल (ICU) | 2 |
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| कुल मृतक | 13 | — |
| कुल घायल | 30+ | — |
| पीड़ितों की पृष्ठभूमि | — | 60% दिल्ली निवासी, 40% अन्य राज्यों से |
चश्मदीदों की दर्दनाक कहानियाँ
बचे हुए लोगों की कहानियाँ इन आँकड़ों को इंसानी चेहरा देती हैं। 45 वर्षीय चूड़ी बेचने वाली रेखा देवी ने अपने बेटे को खो दिया: “वह दिवाली के लिए मिठाई लेने गया था। धमाके ने उसे 20 फीट दूर फेंक दिया; डॉक्टर कहते हैं कि प्रेशर वेव से उसके फेफड़े फट गए।” प्रवासी मजदूरों की बड़ी संख्या ने संवेदनशीलता और बढ़ा दी; विश्वकर्मा ने कहा: “हम रोज़ी-रोटी के लिए आते हैं, यह दुःस्वप्न देखने नहीं।
प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की—200 RAF जवान तैनात किए गए और पूरा बाज़ार 13 नवंबर तक बंद रहा। घटना का मानसिक असर भी गहरा है: सरकारी हेल्पलाइन के अनुसार AIIMS में 50 से ज्यादा लोगों को ट्रॉमा काउंसलिंग मिली। आर्थिक नुकसान भी भारी है—सालाना ₹500 करोड़ के कारोबार वाला चांदनी चौक रोज़ करीब ₹50 लाख का घाटा झेल रहा है, और लगभग 5,000 फेरीवाले काम से बाहर हो गए हैं।
NIA और पुलिस की जांच (Investigation Details)
मुख्य आरोपी डॉक्टर उमर नबी कौन था?
डॉ. उमर नबी AMU से MBBS कर चुके थे और 2020 से AIMS में पल्मोनोलॉजिस्ट थे। 2019 में धारा 370 हटने के बाद वह ऑनलाइन JeM से जुड़ी सामग्री देखकर कट्टरपंथी हो गया। उसकी डायरी में लिखा मिला: “दिल्ली को कश्मीर के लिए दर्द महसूस कराना होगा।”
फॉरेंसिक ने बताया कि उसने अस्पताल से खाद-ग्रेड अमोनियम नाइट्रेट लेकर ANFO विस्फोटक तैयार किया।
‘व्हाइट कॉलर मॉड्यूल’ का भंडाफोड़
11 नवंबर को जांच को मंजूरी मिलने के बाद NIA ने पढ़े-लिखे लोगों से बना एक गुप्त मॉड्यूल पकड़ा। यह मॉड्यूल आम आतंकी गिरोहों जैसा नहीं था। कुल 15 लोग गिरफ्तार हुए, जिनमें डॉक्टर और मौलवी भी शामिल हैं।
जब्त लैपटॉप्स से पता चला कि संसद और इंडिया गेट पर हमलों के लिए दो और कारें तैयार की जा रही थीं।
जब्त हुए विस्फोटक, हथियार और फंडिंग नेटवर्क
जांच में सामने आया कि मॉड्यूल अस्पतालों से केमिकल जुटाता था, एन्क्रिप्टेड ऐप्स पर बात करता था और “विधवा सहायता” जैसे फर्जी ऐप्स से पैसा इकट्ठा करता था। यह पैसा बांग्लादेश के हवाला नेटवर्क के जरिए आगे भेजा जाता था।
जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का रोल कैसे सामने आया?
विस्फोट में इस्तेमाल हुआ ANFO पैटर्न 2019 पुलवामा हमले जैसा था।
सादिया अज़हर ने महिला चैट ग्रुप्स के जरिए उमर नबी को जोड़ने और उकसाने का काम किया।
ISI की भूमिका पर भी शक जताया गया है, और प्रधानमंत्री ने इसे “पारसीमा साज़िश” बताया।
आतंकी साजिश का नेटवर्क (Terror Plot Uncovered)
ऑपरेशन ‘सिंदूर’ क्या था?
“ऑपरेशन सिंदूर” वह कोडनेम था, जिसके तहत दिल्ली में कई बड़े धमाकों की प्लानिंग की जा रही थी।
अस्पतालों से केमिकल और Nitrate की सप्लाई चेन
मॉड्यूल के अंदर मौजूद डॉक्टरों की मदद से अस्पतालों में रखे खाद-ग्रेड अमोनियम नाइट्रेट को चुपचाप बाहर निकाला जाता था।
इसी के आधार पर ANFO विस्फोटक तैयार किया गया।
फंडिंग के नाम पर ‘अनाथ बच्चियों’ का इस्तेमाल
फर्जी ऐप्स और ऑनलाइन कैंपेन चलाए गए, जिनमें “अनाथ बच्चियों” और “विधवाओं” की मदद के नाम पर पैसे लिए जाते थे।
इकट्ठा हुआ पैसा सीधे आतंकी गतिविधियों में लगाया जाता था।
महिला मॉड्यूल और सादिया अज़हर का रोल
सादिया अज़हर महिला-आधारित चैट ग्रुप्स के जरिए भर्ती और ब्रेनवॉशिंग करती थी।
वह ही मॉड्यूल को विदेश में बैठे JeM हैंडलर्स से जोड़ती थी और उनकी निर्देशों को आगे बढ़ाती थी।
झारखंड अलर्ट
झारखंड की स्थिति
धमाके का मुख्य केंद्र दिल्ली–कश्मीर–हरियाणा ही रहा। झारखंड का इसमें कोई सीधा संबंध नहीं मिला है। लेकिन सुरक्षा एजेंसियाँ राज्य के अप्रत्यक्ष कड़ियों को लेकर सतर्क हैं। राज्य से किसी भी व्यक्ति का इस साजिश से जुड़ाव सामने नहीं आया, पर असर जरूर महसूस हुआ।
सुरक्षा बढ़ोतरी
विस्फोट के तुरंत बाद झारखंड DGP अनुराग गुप्ता ने 11 नवंबर को पूरे राज्य में हाई अलर्ट जारी किया। 20 नवंबर को घाटशिला उपचुनाव होने के कारण “नकलची हमलों” का खतरा बताया गया।
राज्य में 500 CRPF जवान तैनात किए गए और बिहार सीमा को अस्थायी रूप से सील कर दिया गया।
सुरक्षा एजेंसियों को 2023 की पलामू हथियार तस्करी जैसी पुरानी घटनाएँ याद हैं, जिनमें माओवादी और JeM के बीच सीमित संपर्क की शक की बातें उठी थीं। इन्हीं वजहों से सतर्कता और बढ़ाई गई।
राजनीतिक एकजुटता
10 नवंबर को राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने संयुक्त बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि “झारखंड दिल्ली के साथ खड़ा है, आतंक के खिलाफ पूरा देश एक है।”
मुख्यमंत्री सोरेन ने झारखंड के दो घायल प्रवासी मजदूरों के लिए 5 लाख रुपये की सहायता भी घोषित की।
उभरते संकेत?
X (ट्विटर) पर कुछ पोस्टों में दावा किया गया कि अल-फलाह संस्था से जुड़े झारखंड के कुछ पूर्व छात्रों ने “अनाथ सहायता अभियान” में पैसा दिया, जो धमाके में इस्तेमाल फंडिंग पैटर्न जैसा लगता है।
इन्हीं संदेहों के चलते NIA ने 12 नवंबर को रांची के एक मदरसे में “डोनेशन गड़बड़ी” के आधार पर छापा मारा, लेकिन कोई बड़ा सबूत नहीं मिला।
बीजेपी नेता C.P. सिंह ने सरकार पर आरोप लगाया कि “तुष्टीकरण की राजनीति कट्टरपंथ को बढ़ावा देती है” और इसे JMM से जोड़ा।
निष्कर्ष: झारखंड सिर्फ सतर्क राज्य
कुल मिलाकर झारखंड इस साजिश का हिस्सा नहीं है। राज्य सिर्फ एक “सतर्क बिंदु” है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा अलर्ट के तहत कार्य कर रहा है।
साथ ही यह पूर्वी भारत की कुछ कमजोरियों को उजागर करता है — सीमाओं की ढिलाई, संवेदनशील इलाकों में बेरोजगारी और आदिवासी इलाकों की उपेक्षा।
इन्हीं कारणों से सुरक्षा एजेंसियाँ क्षेत्र पर निगरानी बढ़ा रही हैं।
Political and Public Reactions: गुस्सा, राजनीति और सवाल
सरकार की प्रतिक्रिया
धमाके के बाद देशभर में तनाव बढ़ गया। भूटान यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने तुरंत गृहमंत्री अमित शाह को फोन कर स्थिति की समीक्षा की।
12 नवंबर को सुरक्षा पर मंत्रिमंडलीय समिति (CCS) ने बैठक करके कहा: “जीरो टॉलरेंस नीति जारी रहेगी, शहरी खुफिया तंत्र को और मजबूत करें।”
विपक्ष की प्रतिक्रिया
AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने इसे “गंभीर सुरक्षा चूक” बताया। उन्होंने अस्पताल में पीएम और CM की विज़िट पर तंज कसते हुए कहा कि “24 घंटे में नया प्लास्टर लग गया—क्या यही प्राथमिकता है?”
कांग्रेस ने खुफिया एजेंसियों की विफलताओं पर श्वेतपत्र की मांग की।
TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि “मामले को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश न की जाए” और ISI पर निष्पक्ष जांच की बात की।
जनता की प्रतिक्रिया
इंडिया गेट पर कैंडल मार्च में लगभग 10,000 लोग शामिल हुए। सोशल मीडिया पर #JusticeForRedFort बड़े पैमाने पर ट्रेंड हुआ और 20 लाख से अधिक पोस्ट आए।
X पर लोगों ने गुस्सा और आक्रोश व्यक्त किया। एक पोस्ट में पुराने “Doctors are soldiers” ट्वीट की तुलना उमर नबी की प्रोफ़ाइल से की गई, जिसे 5,000 से ज्यादा लाइक्स मिले।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अमेरिका और ब्रिटेन के राजनयिकों ने कड़ी निंदा की और संवेदना जताई। चीन के दूत Xu Feihong ने कहा कि वे “दिल्ली की त्रासदी से दुखी हैं।”
पाकिस्तान ने JeM की भूमिका से इनकार किया, जबकि भारत ने संकेत दिया कि जल्द ही विस्तृत डोजियर सौंपा जाएगा।



