मुंबई,एजेंसियां: मुंबई की एक अदालत ने मामले की सुनवाई के दौरान अपने अहम फैसले में कहा कि मानसिक रूप से अस्वस्थ महिला से यौन संबंध बनाना बलात्कार है, भले ही इसके लिए महिला ने सहमति दी हो।
सूत्रों के अनुसार अदालत ने कहा कि मानसिक अस्वस्थता से पीड़ित एक महिला जो उस कार्य की प्रकृति और परिणामों को समझने में असमर्थ है, जिसके लिए वह सहमति देती है, उसके साथ यौन संबंध बनाना बलात्कार है, चाहे उसकी उम्र कुछ भी हो और भले ही वह कार्य उसकी सहमति से किया गया हो।
अदालत ने अपने पड़ोस में रहने वाली 23 वर्षीय महिला को गर्भवती करने के लिए 24 वर्षीय एक व्यक्ति को दोषी ठहराया और 10 साल के कठोर कारावास (आरआई) की सजा सुनाई।
सूत्रों के मुताबिक अभियोजन पक्ष ने कहा था कि महिला की मानसिक उम्र 9 साल की लड़की जितनी थी।
आरोपी और पीड़िता गर्भपात किए गए भ्रूण के जैविक माता-पिता पाए गए। महिला हल्की मानसिक विकलांगता से पीड़ित थी।
न्यायाधीश डीजी ढोबले ने कहा कि आरोपी ने पीड़िता की मजबूरी का फायदा उठाकर बलात्कार किया है।
मानसिक विकार या मानसिक बीमारी से पीड़ित व्यक्ति विशेष देखभाल, प्यार और स्नेह का हकदार है। उनका शोषण नहीं किया जाना चाहिए।
आरोपी ने कहा कि रिश्ता सहमति से बना था। हालांकि, बचाव पक्ष को खारिज करते हुए न्यायाधीश ने कहा कि इस मामले में अभियोजन पक्ष ने साबित कर दिया है कि पीड़िता हल्के मानसिक विकलांगता से पीड़ित है।
न्यायाधीश ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने यह भी माना था कि मानसिक रूप से विकलांग लड़की सहमति नहीं दे सकती है, जिसका प्रभाव वह नहीं समझ सकती।
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