मैसूर, एजेंसियां: भारत दुनिया में बाजरे का सबसे बड़ा उत्पादक है। लेकिन बाजरे के प्रसंस्करण और उपयोग के लिए तरीकों और सुविधाओं की कमी है।
इसी संदर्भ में मैसूर के सीएफटीआरआई में बाजरे के उत्कृष्टता और ऊष्मायन केंद्र की स्थापना की गई है। यह देश का पहला केंद्र है और इसका उद्घाटन शुक्रवार शाम को कर्नाटक के कृषि मंत्री चालुवरया स्वामी ने किया।
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण अनुसंधान संस्थान वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएफटीआरआई) बाजरा प्रसंस्करण इकाई किसानों, व्यापारियों और उद्यमियों सहित सभी के लिए फायदेमंद होगी।
इस केंद्र में तीन तरह की गतिविधियां संचालित की जाएंगी। पहला, बाजरे का प्रसंस्करण और पैकेजिंग। दूसरा, बाजरे से खाद्य उत्पादों का निर्माण। तीसरा, बाजरे को संसाधित करने की तकनीक है ताकि उसे बिना खराब हुए लंबे समय तक इस्तेमाल किया जा सके।
सीएफटीआरआई के इस केंद्र में किसान अपने उगाए बाजरे को यहां लाकर उसका प्रसंस्करण कर सकते हैं और उसे ऊंचे दामों पर बेच सकते हैं। इससे उनका मुनाफा भी बढ़ेगा। इसके अलावा, सीएफटीआरआई से तकनीक और मशीनरी भी प्राप्त की जा सकती है।
सीएफटीआरआई द्वारा विकसित तकनीकें: स्व-स्थिर ज्वार आटा तकनीक, डिकोक्टिफाइड रागी तकनीक, बाजरा की फ्लेकिंग तकनीक, सूजी तकनीक का आविष्कार सीएफटीआरआई द्वारा किया गया है।
इसे भी पढ़ें
गेहूं की फसल पर जलवायु संकट का सामना करने में भारत की तैयारी पाकिस्तान से बेहतर: वैज्ञानिक