CBSE school:
नई दिल्ली, एजेंसियां। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने स्कूलों की बढ़ती मांग और सीटों की कमी को देखते हुए एक अहम कदम उठाया है। अब विशेष परिस्थितियों में कक्षा 1 से 12 तक के प्रत्येक सेक्शन में 45 छात्रों तक को दाखिला दिया जा सकेगा। हालांकि, सामान्य स्थिति में यह सीमा 40 छात्रों तक ही रखी जाएगी।
यह फैसला उन स्कूलों के लिए बड़ी राहत है जहां छात्रों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और सीटों की सीमित संख्या के कारण परेशानी हो रही थी। बोर्ड ने साफ किया है कि यह छूट सिर्फ विशेष परिस्थितियों में ही दी जाएगी,
जैसे:
माता-पिता का तबादला: खासकर सेना, केंद्र सरकार, पीएसयू या प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के बच्चों के लिए।
“Essential Repeat” कैटेगरी: जिन छात्रों को किसी कारणवश उसी कक्षा में दोबारा दाखिला लेना पड़ा हो।
गंभीर बीमारी से पीड़ित छात्र: जो किसी विशेष परिस्थिति के कारण दाखिला नहीं ले पाए थे।
हॉस्टल से स्थानांतरण: जिन छात्रों को हॉस्टल छोड़कर दिन में आने की अनुमति मिली हो।
परफॉर्मेंस सुधारने वाले छात्र: जो अपनी परफॉर्मेंस सुधारने के लिए फिर से उसी कक्षा में दाखिला लेना चाहते हों।
सीबीएसई के निर्देश:
अगर 40 से ज्यादा छात्रों को किसी सेक्शन में दाखिला दिया जाता है, तो इसकी पूरी जानकारी रिकॉर्ड में दर्ज करनी होगी।
कक्षा 9 से 12 के छात्रों के लिए कारण को सीबीएसई पोर्टल पर अपलोड करना होगा और एडमिशन/विदड्रॉल रजिस्टर में इसे दर्ज करना आवश्यक होगा।
कक्षा 1 से 8 के छात्रों के लिए कारण केवल एडमिशन/विदड्रॉल रजिस्टर में ही दर्ज किया जाएगा।
सभी मामलों की जानकारी OASIS पोर्टल पर भी अपलोड करनी होगी।
सीमा और मानक:
बोर्ड ने यह स्पष्ट किया है कि एक सेक्शन में 45 से ज्यादा छात्रों को दाखिला नहीं दिया जा सकता। इसके अलावा, कक्षा का आकार कम से कम 500 वर्ग फुट होना चाहिए और हर छात्र के लिए कम से कम 1 वर्ग मीटर निर्मित क्षेत्र सुनिश्चित किया जाना चाहिए। यह नियम CBSE एफिलिएशन बायलॉज 2018 के क्लॉज 4.8 के तहत लागू किए गए हैं। इस बदलाव से उन स्कूलों को विशेष राहत मिलेगी जो अधिक छात्र संख्या के बावजूद शिक्षा गुणवत्ता बनाए रखने के लिए प्रयासरत हैं।
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