Bihar Teacher:
पटना, एजेंसियां। बिहार की चरमराई शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए शिक्षा विभाग ने अब तक की सबसे कड़ी कार्रवाई की है। वर्षों से स्कूलों में चल रही लापरवाही, अनुपस्थिति और भ्रष्टाचार की शिकायतों पर पहली बार इतनी बड़ी संख्या में शिक्षक सीधे निशाने पर आए हैं। विभाग ने जांच में दोषी पाए गए 61 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया है। वहीं 264 शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। इसके अलावा 273 और शिक्षक जांच के घेरे में हैं, जिन पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है।
Bihar Teacher: फर्जी उपस्थिति से लेकर फंड में गड़बड़ी तकः
शिक्षा विभाग की जांच में चौंकाने वाली बातें सामने आईं। कुछ शिक्षक स्कूल में केवल उपस्थिति दर्ज कर निजी कार्यों में निकल जाते थे, तो कई शिक्षक हेडमास्टर की शह पर विद्यालय से नदारद रहते थे। वहीं, स्कूल मद की राशि में व्यापक अनियमितताओं और हेराफेरी की शिकायतें भी सामने आईं। विभाग ने साफ किया है कि अब कोई भी अधिकारी या शिक्षक अगर शिक्षा व्यवस्था से खिलवाड़ करता मिला, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।
Bihar Teacher: पहली बार इतना बड़ा एक्शनः
शिक्षा विभाग के इतिहास में यह पहला मौका है जब एक साथ इतनी बड़ी संख्या में शिक्षकों पर कार्रवाई हुई है। केके पाठक के स्थानांतरण के बाद कई लोगों को लगा था कि सुधार की रफ्तार धीमी हो जाएगी, लेकिन विभाग ने एक सख्त संदेश दिया है कि पारदर्शिता और जवाबदेही के प्रति उसकी प्रतिबद्धता बरकरार है।
Bihar Teacher: गूगल शीट से हो रही निगरानी, DEO को भेजे गए निर्देशः
शिक्षा विभाग के विशेष सचिव एवं निदेशक (प्रशासन) सुबोध कुमार चौधरी के हस्ताक्षर से सभी DEO को निर्देश जारी किए गए हैं कि कार्रवाई की संपूर्ण जानकारी गूगल शीट के जरिए तत्काल विभाग को उपलब्ध कराई जाए। साथ ही यह भी कहा गया है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इन कार्रवाइयों की सघन निगरानी की जाएगी।
Bihar Teacher: कुछ जिले सवालों के घेरे मेः
हालांकि, कुछ जिलों ने अब तक विभाग को अधूरी जानकारी दी है या गूगल शीट-2 में कोई डेटा ही नहीं भरा है। ऐसे जिलों में अररिया, जमुई, नालंदा, पटना, सहरसा, शेखपुरा, सारण, सीतामढ़ी, सुपौल और सीवान शामिल हैं। विभाग ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
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