Bihar voter list:
पटना, एजेंसियां। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर उठे विवाद पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले में विपक्षी दलों और संगठनों ने चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं।
Bihar voter list: सुनवाई के दौरान
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की बेंच, जिसमें जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस जॉय मल्या बागची शामिल हैं, ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे पहले यह साबित करें कि चुनाव आयोग की प्रक्रिया गलत है। अदालत ने यह भी कहा कि मतदाता सूची का पुनरीक्षण आयोग का संवैधानिक अधिकार है, और इसे कैसे करना है, यह तय करने का अधिकार भी उसी के पास है। वहीं, चुनाव आयोग की ओर से वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी, केके वेणुगोपाल और मनिंदर सिंह ने अदालत में पक्ष रखा और याचिकाओं की वैधता पर प्रारंभिक आपत्तियां जताईं।
Bihar voter list: याचिकाकर्ताओं ने लगाया आरोप
याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया भेदभावपूर्ण और नियमों से हटकर चलाई जा रही है। उनका कहना है कि आयोग सिर्फ 1 जनवरी 2003 के बाद नाम जोड़ने वालों से अतिरिक्त दस्तावेज मांग रहा है, जबकि पुराने मतदाताओं के लिए यह अनिवार्यता नहीं है। इस मामले की याचिका सबसे पहले एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने दायर की थी। इसके बाद आरजेडी, कांग्रेस समेत कुल 9 राजनीतिक दल भी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। अदालत ने फिलहाल सुनवाई जारी रखते हुए सभी पक्षों से विस्तृत पक्ष रखने को कहा है।
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