VHP-बजरंग दल की मांग- कब्र हटाएं
नागपुर, एजेंसियां। महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर स्थित औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर राज्य में प्रदर्शन हुए। इस दौरान नागपुर के महल इलाके में हिंसा हुई। विश्व हिंदू परिषद ने औरंगजेब का पुतला फूंका था, इसके बाद दो पक्षों में पथराव हुआ। हिंसा के दौरान कई गाड़ियों में तोड़फोड़ और आगजनी हुई। DCP निकेतन कदम पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया। इस हिंसा मामले में 55 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
कब्र हटाने की मांग तेजः
बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने कब्र को जल्द हटाने की मांग की है। बजरंग दल का कहना है कि कब्र हटाई नहीं गई, तो इसका हाल भी बाबरी मस्जिद जैसा होगा। विवाद के बीच कब्र की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वहीं CM देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ‘औरंगजेब के बर्बर विचारों का महिमामंडन करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।’
औरंगजेब के मकबरे का मुख्य द्वार पुलिस ने बंद कर दिया है। कब्र के पास जाने पर भी रोक है।
विवाद की शुरुआत कहां से हुई:
ताजा विवाद 3 मार्च को शुरू हुआ, जब सपा विधायक अबू आजमी ने कहा, ‘हमें गलत इतिहास दिखाया जा रहा है। औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए हैं। मैं उसे क्रूर शासक नहीं मानता।’ इसके बाद आजमी को पूरे बजट सत्र के विधानसभा से सस्पेंड कर दिया गया। आजमी ने अगले दिन माफी भी मांगी। इसके बाद छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज BJP के सातारा सांसद उदयनराजे भोंसले ने मांग की थी कि औरंगजेब की कब्र को ढहा दिया जाए। CM फडणवीस ने भी इस मांग का समर्थन किया।
1707 में बनी थी औरंगजेब की कब्र:
मुगल सम्राट औरंगजेब की कब्र छत्रपति संभाजीनगर के खुल्दाबाद में है। इतिहासकारों के मुताबिक, 1707 में जब औरंगजेब का निधन हुआ, तो उनकी इच्छा के अनुसार उन्हें खुल्दाबाद में उनके आध्यात्मिक गुरु शेख जैनुद्दीन की दरगाह के पास दफनाया गया। यह जगह छत्रपति संभाजीनगर मुख्यालय से करीब 25 किमी दूर है।
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