रांची। झारखंड राज्य सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा और राज्य सरकार के मंत्री और अन्य प्रतिनिधियों के बीच बुधवार को वार्ता हुई।
वार्ता में सरकार की ओर से शिक्षा मंत्री बैजनाथ राम, सुदिव्य कुमार सोनू, राजेश कच्छप, अमित यादव, विभाग की ओर से शिक्षा सचिव उमाशंकर, परियोजना निदेशक आदित्य कुमार रंजन, ओमप्रकाश मिश्रा आदि शामिल रहे। वार्ता का मुख्य बिंदु इपीएफ था। बैठक में इपीएफ पर सहमति बनी।
इसके अनुसार सरकार सहायक अध्यापक की हिस्सेदारी और विभाग की हिस्सेदारी वहन करेगा। यह सहायक अध्यापकों का चिर परिचित मांग थी।
इसके बाद अनुकंपा के नियम में बदलाव पर सहमति बनी। नए नियम के अनुसार योग्यता के आधार पर आश्रितों को नौकरी मिलेगी।
अभी तक शहरी क्षेत्र के सहायक अध्यापकों को चार प्रतिशत हर वर्ष मानदेय की वृद्धि नहीं हो रही थी। कैबिनेट की अगली बैठक में इसकी मंजूरी मिल जाएगी।
मानदेय में 4 प्रतिशत की वृद्धि
चार प्रतिशत मानदेय वृद्धि के लिए सहायक अध्यापकों को प्राधिकार कमिटी के कई पदाधिकारी से सेवा संपुष्ट कराना पड़ता था जिसमें बहुत परेशानी होती थी लेकिन अब इससे छुटकारा मिल गया। वार्ता में सीटेट को जेटेट के समतुल्य मानदेय मिलने पर सहमति बनी।
वार्ता में विनोद तिवारी ने शिक्षा मंत्री से कहा कि आकलन उत्तीर्ण सहायक अध्यापकों को वेतनमान दिया जाए।
आकलन पास सहायक अध्यापक कठिन परीक्षा से गुजरे हैं। सरकार की मंशा साफ रहे तो कुछ भी संभव हो सकता है।
बिहार में लालू प्रसाद यादव ने 1994 में अप्रशिक्षित लोगों को शिक्षक बना दिया था। झारखंड की वर्तमान सरकार को भी इस पर अपनी सहमति देनी चाहिए। इस बात का वार्ता में शामिल सभी सदस्यों ने जोरदार समर्थन किया।
वार्ता में सहायक अध्यापक के तरफ से विनोद तिवारी, विनोद बिहारी महतो, संजय दुबे, ऋषिकेश पाठक, प्रदुमन कुमार सिंह, निरंजन डे, बेलाल अहमद, विकास कुमार, शेख सिद्दीकी, भागवत तिवारी, नरोत्तम सिंह मुंडा, बैद्यनाथ महतो और सुशील पांडेय शामिल हुए।
इसे भी पढ़ें
शिक्षा मंत्री आज करेंगे पारा शिक्षकों संग बैठक, मानदेय बढ़ोतरी पर होगी बात