पोर्ट ब्लेयर : केंद्र में जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने रविवार को केंद्र शासित राज्य अंडमान निकोबार के लेफ्टिनेंट गवर्नर एडमिरल डीके जोशी से आज पोर्ट ब्लेयर में शिष्टाचार मुलाक़ात की। इस दौरान श्री मुंडा ने उनसे यहां रहनेवाली जनजाति और आदिम जनजाति समुदाय के सर्वांगीण विकास पर चर्चा की।
इससे पहले श्री मुंडा ने शनिवार को अंडमान निकोबार के ऐतिहासिक नेताजी सुभास चंद्र बोस द्वीप रॉस आइलैंड का दौरा किया। यहां उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने जहां झंडा फहराया था तथा जापान की ओर से द्वितीय विश्वयुद्ध से पूर्व बनाये गए बंकर सहित कई ऐतिहासिक स्थलों को देखा।
इस द्वीप पर पहली बार 1782 में कब्जा किया गया था और वहां एक अस्पताल का निर्माण किया गया था।1857 में अंग्रेजों ने इसे 85 वर्षों तक प्रशासनिक मुख्यालय के रूप में इस्तेमाल किया। इस दौरान इस दंड बंदोबस्त पर अंग्रेजों द्वारा बहुत सारे महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालय बनाए गए थे,जिन्हें बाद में 1941 में आए भूकंप के बाद छोड़ दिया गया था।
रॉस द्वीप पर भारतीय कैदियों द्वारा बनाई गई इन पुरानी इमारतों के खंडहर आज भी रॉस में मौजूद हैं, जो पीपल और सीरी के पेड़ों की मोटी जड़ों से बना है, जो हमें एक युग में वापस ले जाता है, जो लंबे समय से चला आ रहा है, फिर भी याद किया जाता है।शानदार मानव-गुफाएं, पुराना चर्च और इस जगह से जुड़ा भयानक इतिहास अनोखा है, जो अंडमान और निकोबार में कहीं और नहीं पाया जा सकता है।