गढ़वा। बीते 11 जुलाई को मेराल में MGCPL कंपनी के द्वारा निर्माणाधीन फ्लाइओवर पिलर नंबर वन के पास शाम में बाइक पर सवार तीन अपराधियों के द्वारा फायरिंग की गई थी। मामले में गढ़वा पुलिस ने वारदात में शामिल तीनों अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है।
घटना के संदर्भ में मेराल थाना में अपराधियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। इस घटना के उद्भेदन और अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु गढ़वा एसपी के द्वारा एक SIT टीम का गठन किया गया।
SIT टीम के द्वारा जुटाए गए साक्ष्यों के आधार पर घटना में अमन साव गिरोह का हाथ होने की पुष्टि हुई।
मलेशिया के कुआलालंपुर से मयंक सिंह के द्वारा सिमडेगा जेल में बंद आशीष साहू और आकाश राय के साथ जेल में बंद बिक्रम सिंह, जो 29 जून को जेल से बाहर आया था, से यह गोलीबारी कराई गई थी।
इस घटना में बिक्रम सिंह के अलावा दो अन्य लोगों के शामिल होने का साक्ष्य मिले हैं। जिसके आधार पर SIT टीम के द्वारा गुमला, सिमडेगा और खूंटी में लगातार छापेमारी की जा रही थी।
गुप्त सूचना पर धरे गये तीनोः
इसी क्रम में गढ़वा एसपी को मिले गुप्त सूचना के आधार पर NH-75 ग्राम डुमरो के पास से एक मोटरसाइकिल पर सवार तीन लोगों को पकड़ा गया। जिनमें बिक्रम सिंह, सूरज केवट और सूरज पासवान शामिल हैं।
पूछताछ के क्रम में तीनों ने मेराल में फायरिंग की घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार किया और बताया कि मयंक सिंह, आशीष और मोनू राय के निर्देश पर घटना को अंजाम दिया गया। हमारे साथ दो अन्य लोग भी घटना में शामिल थे, जिन्हें मयंक सिंह ने उपलब्ध कराया था।
हथियार पर 65 हजार रुपये मिले थेः
घटना को अंजाम देने के लिए 7 जुलाई की रात को दो पिस्टल, 20 गोली और 65 हजार रुपए दिए गए थे।
गिरफ्तार बिक्रम सिंह ने बताया कि घटना को अंजाम देने के बाद 13 जुलाई को वह रायपुर पहुंचा और मयंक सिंह के निर्देश के अनुसार दो अन्य शूटरों, जिनको रायपुर में गोली चलाना था उन्हें हथियार उपलब्ध कराया।
उसके बाद बिक्रम सिंह के द्वारा गुमला आकर अपना पहना हुआ कपड़ा और मोबाइल तोड़कर जंगल में फेंक दिया। जिसे बरामद करने के लिए एक टीम गुमला गई हुई है।
गिरफ्तार अपराधियों के पास से एक R-15 बाइक और एक ViVo कंपनी का मोबाइल बरामद किया गया है।
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