कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू ने 17 वर्ष की उम्र में ही अपराध की दुनिया में कदम रख दिया था। उसे पहली बार 2019 में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, वह फरार हो गया था। दोबारा उसे 3 साल बाद जुलाई 2022 में गिरफ्तार किया गया था। उस पर 100 से ज्यादा हत्या, लूट, रंगदारी, अपहरण समते अन्य संगीन अपराध के दर्ज थे।
17 साल की उम्र में अपराध की दुनिया में कदम रख आतंक मचाने वाला झारखंड का कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू पुलिस मुठभेड़ में ढेर हो गया। उसपर 100 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज थे। उसे पुलिस द्वारा छत्तीसगढ़ के रायपुर से रिमांड पर रांची लाया जा रहा था। पलामू जिला के चैनपुर -रामगढ़ रोड पर गैंगस्टर अमन साहू ने भागने की कोशिश की। उसने पुलिस जवान की रायफल छीन उनपर फायरिंग की। जवाबी कार्रवाई में उसे ढेर कर दिया गया।
रांची का रहनेवाला था अमन साहूः
अमन साहू काफी कुख्यात अपराधी था। अमन साहू झारखंड की राजधानी रांची के ठाकुरगांव थाना क्षेत्र अंतर्गत मतवे गांव का रहने वाला है। गांव में रहने के दौरान ही वह गैंगस्टर सुरजीत सिन्हा के गुर्गों के संपर्क में आया और कोयले की ट्रांसपोर्टिंग का छोटा मोटा काम करने लगा। इस दौरान सुरजीत सिन्हा के गुर्गों के साथ मिलकर उसने ट्रांसपोर्टरों और कोयला कारोबारियों को धमकाना भी शुरू कर दिया। हिम्मती तो वह था ही। फिर उसने धमकी व रंगदारी का दायरा बढ़ाया और खलारी से पतरातू तक पहुंच गया। फिर यहां से उसे रामगढ़ और हजारीबाग पहुंचने में देर नहीं लगी।
सुरजीत सिन्हा का खास बनाः
उसकी हिम्मत और कामों से सुरजीत सिन्हा भी प्रभावित था। धीरे-धीरे वह सुरजीत सिन्हा के काफी निकट आ गया और उसका खास बन गया। सुरजीत सिन्हा के लिए उसने कई कोयला कारोबारियों की हत्याएं की। अब लोग सुरजीत सिन्हा के साथ-साथ अमन के नाम से भी खौफ खाने लगे थे। कोयलांचल में उसका खौफ इतना बढ़ गया था कि उसके नाम से भी रंगदारी उठने लगी थी।
जेल से चला रहा था सल्तनतः
2022 में जब उसकी गिरफ्तारी हुई, तो अपने खास गुर्गे मयंक सिंह के जरिए वह जेल से ही सल्तनत चलाने लगा।। फिर एक वक्त आया जब उसने सुरजीत सिन्हा के गैंग से अलग होकर अपना गैंग खड़ा कर लिया। फिर उसकी अपनी रंगदारी उठने लगी। इस दौरान उसने राजेंद्र साहू जैसे कुछ बड़े नेता और कारोबारियों की हत्या भी कराई, जिससे वह राज्य के टाप गैंगस्टरों में शामिल हो गया।
25 साल की उम्र में 50 करोड़ की संपत्तिः
उसे जाननेवाले बताते हैं कि महज 25 साल की उम्र में ही अमन साहू के पास 50 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति हो गई थी। उसका साम्राज्य राज्य के 8 जिलों में फैल चुका था।
लॉरेंस विश्नोई कनेक्शनः
आमन साहू के देश के टाप गैंगस्टर ल़ॉरेंस विश्नोई से भी कनेक्शन था। उसे जाननेवाले बताते हैं कि उसने और लॉरेंस ने एक साथ इंजीनियरिंग की पढ़ाई पंजाब के एक इंजीनियरिंग कॉलेज से की थी। जब वह टाप का डान बना, तो दोनों के बीच कारोबारी संबंध भी बढ़े। वह ल़ॉरेंस के झारखंड, छत्तीसगढ़ और बिहार का काम संभालने लगा। लॉरेंस और अमन के गैंग ने मिलकर छत्तीसगढ़ में कारोबारी के ठिकाने पर फायरिंग की थी, जिसके आरोप में अमन रायपुर की जेल में था। इतना ही नहीं, अमन लॉरेंस से हथियार मंगवा कर यहां के नक्सलियों को सप्लाई करने का काम भी करता था।
वारदात के बाद सोशल मीडिया पर देता था जानकारीः
अमन साहू गिरोह के द्वारा झारखंड पुलिस के साथ-साथ झारखंड में कोयले का कारोबार करने वाले व्यापारी, ट्रांसपोर्टर, ठेकेदारों के साथ-साथ रियल एस्टेट कारोबारी और बिल्डर भी परेशान थे। सभी वर्गों से वह सेवा रंगदारी के रूप में वसूली करता था, नहीं मिलने पर हत्या जैसे संगीन अपराध को अपने गुर्गों के माध्यम से अंजाम दिलवाया करता था। उसके गैंग से जुड़े हुए अपराधियों के द्वारा किसी बड़ी घटना को अंजाम देने को सोशल मीडिया के माध्यम से घटना की जिम्मेदारी भी ली जाती थी।
6 जेलों में किया जा चुका था शिफ्टः
अमन साहू का झारखंड और खास करके कोयला से जुड़े कंपनी और व्यापारियों के बीच डर और दहशत था। कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू को अब तक झारखंड पुलिस के द्वारा करीब आधा दर्जन से ज्यादा जेलों में समय-समय पर उसे ट्रांसफर किया गया। 13 अक्टूबर 2024 को चाईबासा जेल से उसे रायपुर जेल शिफ्ट किया गया था।
विधानसभा चुनाव लड़ना चाहता थाः
कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू विधानसभा चुनाव भी लड़ना चाहता था। उसने बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए पर्चा भी खरीदा था, हालांकि उसे न्यायालय के द्वारा अनुमति नहीं मिली थी।
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