लाइम डिजीज के लक्षण और बचाव
नई दिल्ली, एजेंसियां। किसी शख्स को पार्क या हरे-भरे इलाके में टहलते हुए एक कीड़े ने काटा और लाल चकत्ता पड़ गया। चकत्ते में किसी तरह का दर्द या खुजली नहीं थी, तो उसने इलाज की जरूरत नहीं समझी।
इस बीच शरीर में चकत्ते कुछ और बढ़ गए। खांसी-जुकाम के लक्षण अब बने ही रहते हैं। फिर मालूम पड़ा कि उसके घुटनों में जोर का दर्द हो रहा है। छोटी-छोटी बातें भूल जा रहा है, दिमाग पर थोड़ा सा भी जोर चिड़चिड़ाहट का कारण बन रहा है।
दिल और लिवर कमजोर होने लगे हैं। डॉक्टर्स के लिए समझ पाना मुश्किल हो रहा है कि आखिर इसके पीछे वजह क्या है?
जिस तरह एक सीरीज में यह सबकुछ घटा है, इन सबकी वजह लाइम डिजीज हो सकती है। यह बीमारी टिक (जानवरों के शरीर और जंगलों में पाया जाने वाला एक कीड़ा) के काटने के कारण होती है।
इसको डियर टिक भी कहते हैं। इन दिनों अमेरिका जैसे कई देशों में यह टिक चिंता का विषय बना हुआ है।
सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, अमेरिका में हर साल लाइम डिजीज के 30 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं।
आशंका जताई गई है कि यह आंकड़ा इससे भी बड़ा हो सकता है क्योंकि कई मामले डाइग्नोज नहीं हो पाते हैं।
भारत में भी लाइम डिजीज के कई मामले सामने आ चुके हैं। हालांकि इसके ज्यादातर केस हिमालय के तराई क्षेत्रों में ही सामने आए हैं।
बारिश के महीने में घास और हरियाली बढ़ जाती है तो ये टिक्स भी तेजी से पनपने और फैलने लगते हैं। यही कारण है कि एक्सपर्ट्स भारत में भी इसे लेकर चिंता जता रहे हैं।
लाइम डिजीज क्या है
जलवायु परिवर्तन के कारण लाइम डिजीज पूरी दुनिया में फैल रही है। यह बीमारी एक बैक्टीरिया बोरेलिया बर्गडोरफेरी (Borrelia burgdorferi) के कारण होती है।
यह संक्रमित ब्लैक-लेग्ड टिक या डियर टिक के काटने से फैलती है। लकड़ी और कुत्तों के शरीर में पाए जाने वाले टिक से यह बीमारी नहीं होती।
लाइम डिजीज के क्या लक्षण है
लाइम डिजीज में सबसे पहले हमारे शरीर पर लाल निशान पड़ता है। यह आमतौर पर गोल आकार के चकत्ते की तरह होता है।
इसके बाद लक्षण कॉमन कोल्ड और फीवर की तरह लगते हैं। इन्फेक्टेड शख्स को ठीक उसी तरह की समस्याएं होने लगती हैं, जैसे किसी को फ्लू, सर्दी, खांसी, सिरदर्द होने पर लगता है।
अगर यह बीमारी बहुत दिनों तक बनी रहे तो जोड़ों में दर्द और मेमोरी लॉस की समस्या भी शुरू हो जाती है।
लाइम डिजीज का इलाज क्या है
लाइम डिजीज के प्रभावी उपचार के लिए आमतौर पर प्रभावित शख्स को एंटीबायोटिक्स दी जाती हैं।
इसे ठीक होने में कितना समय लगेगा, यह संक्रमण की स्टेज और इन्फेक्टेड व्यक्ति के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है।
इसका इलाज जितनी जल्दी शुरू हो जाता है, रिकवरी भी उतनी ही जल्दी और आसानी से होती है।
इससे पेशेंट को शारीरिक नुकसान भी कम होता है। ग्राफिक से समझिए कि डियर टिक के काटने पर क्या करना होता है।
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