शहीदों व दिवंगतो को दिया गया श्रद्धाजंलि
तिलता चौक का किया गया नामकरण
रातू। प्रखंड में शुक्रवार को विश्व आदिवासी दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। पारंपरिक वेश -भूषा व ढोल – नगाड़े के साथ हजारो युवक-युवतियों ने रातू के विभिन्न क्षेत्रों में पैदल मार्च निकाली।
दिन के 2 बजे रातू किला मैदान में सभा आयोजित कर हजारो की संख्या में युवक- युवतियां नृत्य करते हुये तिलता चोंक पहुंचे । वहां सभा का आयोजन किया गया।
सभा मे आदिवासी रीति रिवाज व पहचान को बचाये रखने की शपथ ली गयी। वक्ताई ने अपने संबोधन में कहा कि आदिवासी समाज एकजुट हो और विकास से जुड़े।
हमारा संस्कृति, रहन-सहन, खान-पान, रीति-रिवाज और संस्कार ही हम आदिवासियों की पहचान है।
आज हमारा आदिवासी समाज अपने मूल संस्कृति रीति रिवाज और मूल स्वभाव से दूर होता जा रहा है।
हमें अपने समाज को इस समस्या से मुक्ति दिलाने के लिए संकल्प लेने की जरूरत है। सभा के उपरांत शहीदों व दिवंगत रत्न दादा वीरेंद्र भगत ,कामरेड सुभाष मुंडा, जयपाल उराँव व वीर बुधु भगत के चित्र व प्रतिमा पर मल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धाजंलि अर्पित किया गया।
तिलता चौक का किया गया नामकरण
सभा के उपरांत तिलता चोंक का नामकरण करते हुये शहीद वीर बुधु भगत चौक रखा गया। इस दौरान लोगो ने वीरेंद्र भगत अमर रहे, सुभाष मुंडा अमर रहे, वीर बुधु भगत अमर रहे, जयपाल उराँव अमर रहे के जमकर नारे लगाये गए।
जुलूस में शामिल महिलाएं हाथ मे तख्ती लिये हुये थे जिस पर एक तीर एक कमान,सभी आदिवासी एक समान,भारत के आदिवासी एक हो, आदिवासियों का संविधान अधिकारों से छेड़छाड़ करना बंद करो,सरना कोड लागू करो लिखा हुआ था। सुरक्षा को लेकर थाना प्रभारी शशिभूषण चौधरी मौजूद थे। पुलिस के जवान भी मुस्तेद थे।
कार्यक्रम में थे शामिल
सरना समिति के अध्यक्ष व पूर्व जीप सदस्य अमर उराँव,रेणु तिर्की, सुमन तिर्की,मंगरु उराँव,सोनी कच्छप,सुकरा उराँव,चारे भगत, रंजीत खलखो,गोयंदा उराँव,विमल तिर्की,चारो उराँव
शिव उराँव मांडर,तुलसी उराँव,कुशल उराँव,मुकेश भगत, मोहन उराँव,शिबू उराँव,सुशांत उराँव,सुखदेव उराँव,करमा उराँव, पंचम उराँव, परन उरांव, बसंत उरांव, महावीर उराँव, सीमा देवी,महावीर विश्कर्मा, दुर्गा उरांव,राजू मुंडा,दशरथ मुंडा,रमेश मुंडा, मकसूदन तिग्गा ,मिथिलेश दुबे, संजीव तिवारी, गोपी उरांव के अलावा सैकड़ो की संख्या में युवक-युवतियां शामिल थे। सभा का संचालन सोमनाथ उराँव ने किया।
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