Jharkhand Tribal Festival:
रांची। विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर राज्य सरकार झारखंड आदिवासी महोत्सव का आयोजन करने जा रही है। यह महोत्सव 9 से 11 अगस्त तक मोरहाबादी मैदान में आयोजित होगा। झारखंड आदिवासी महोत्सव 2025 की रूपरेखा तय कर ली गई है। इस भव्य आयोजन में झारखंड समेत देश के 11 राज्यों के कलाकार भाग लेंगे। विभिन्न राज्यों के जनजातीय कलाकार अपनी पारंपरिक कला और संस्कृति की प्रस्तुतियों से समां बांधेंगे।
इन राज्यों का सांस्कृतिक मंडलियां होंगी शामिलः
महोत्सव में त्रिपुरा, छत्तीसगढ़, असम, राजस्थान, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, मिजोरम, महाराष्ट्र, बिहार, मध्य प्रदेश और झारखंड की सांस्कृतिक मंडलियां शामिल होंगी। खास बात यह है कि इस बार बिहार के जनजातीय नृत्य समूह को पहली बार इस आयोजन में शामिल किया गया है।
आदिवासी रंग और संस्कृति से ओत प्रोत होगा महोत्सवः
महोत्सव को पूर्ण रूप से आदिवासी रीति-रिवाज, संस्कृति और रंग-रूप से सजाया जाएगा। महोत्सव में पारंपरिक नृत्य, लोकगीत, हस्तशिल्प, पारंपरिक खानपान और वेशभूषा की झलक देखने को मिलेगी। इस अवसर पर दिशोम गुरु शिबू सोरेन को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है।
निकाला गया है जागरुकता रथः
विश्व आदिवासी दिवस का संदेश जनसामान्य तक पहुंचाने के उद्देश्य से जागरूकता रथ निकाला गया है। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के विशेष सचिव राजीव लोचन बक्शी ने रांची से इस रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रथ शहर के प्रमुख चौराहों, विद्यालयों और बाजारों से होकर गुजरेगा और उस पर प्रदर्शित पोस्टर और संदेशों के माध्यम से लोगों को आदिवासी संस्कृति, वेशभूषा और खानपान से अवगत कराएगा।
आदिवासी महोत्सव में कब क्या होगाः
9 अगस्त :
रीझ रंग रसिका स्वागत रैली टैगोर हिल रोड से मोरहाबादी मैदान पहुंचेगी। इसमें 32 आदिवासी जनजातीय समूह शामिल होंगे।
शहीद वेदी पर पुष्प अर्पण किया जाएगा।
डाक टिकट का अनावरण होगा।
मुख्यमंत्री, मुख्य अतिथि सहित अन्य अतिथियों का संबोधन होगा।
मोनिका मुंडू और मेघा डाल्टन आधुनिक नागपुरी गीत गाएंगी।
पद्मश्री मुकुंद नायक के द्वारा नागपुरी गीत की प्रस्तुति दी जाएगी।
सेलिब्रिटी आर्टिस्ट का परफॉर्मेंस और मालदीव बैंड का प्रस्तुति होगी।
रात में लेजर शो होगा।
10 अगस्त:
कॉलेज बैंड प्रतियोगिता
खड़िया नृत्य : नीली अनीता डुंगडुंग (सिमडेगा), उरांव नृत्य : कृष्णा भगत (रांची), मुंडारी नृत्य : लखन गुड़िया (खूंटी), संथाली नृत्य : देवला मुर्मू, पंचपरगनिया नृत्य : बूटन देवी, खोरठा घोड़ा नृत्य : विनोद महतो, सारंगी धुन : महेश पाहन और श्रेया तिवारी की प्रस्तुति
पद्मश्री मधु मंसूरी हसमुख द्वारा नागपुरी गीत-नृत्य की प्रस्तुति
हास्य कवि का कार्यक्रम
स्थानीय जनजातीय बैंड
11 अगस्त:
पवन कुमार राय : आधुनिक नागपुरी गायन
सुलेखा कुमारी व जनानी : मुमर
सृष्टिधर मेहता : मानमुम छऊ
मंदार धुन मनपुरन नायक
त्रिपुरा, छत्तीसगढ़, असम, राजस्थान, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, मिजोरम, महाराष्ट्र, बिहार, मध्य प्रदेश के नृत्य समूह के द्वारा नृत्य-संगीत की प्रस्तुति शाम 6 बजे समापन
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