IAS Vinay Chaubey:
रांची। झारखंड भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की जांच में निलंबित IAS अधिकारी विनय चौबे के खिलाफ भारी गड़बड़ियां और भ्रष्टाचार के आरोप उजागर हुए हैं। शराब घोटाले में गिरफ्तारी के बाद एसीबी ने उनके पुराने कार्यकालों की भी जांच तेज कर दी है, जिसमें कई अनियमितताएं सामने आई हैं।
विनय चौबे पर एसीबी ने कई मामलों में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर रखी है। इसके साथ ही, हजारीबाग के ‘खासमहल’ और ‘गैर मजरुआ खास किस्म जंगल’ भूमि घोटाले की जांच के लिए सरकार से अनुमति मांगी गई है, जो मिलने के बाद और मामले दर्ज किए जाएंगे।
वन भूमि का अवैध हस्तांतरण:
हजारीबाग में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद संरक्षित वन भूमि को विनय चौबे के कार्यकाल में निजी व्यक्तियों के नाम पर कर दिया गया। करोड़ों की इस जमीन की बंदरबांट में उनकी मिलीभगत सामने आई है।
खासमहल भूमि घोटाला:
2.75 एकड़ जमीन, जो ट्रस्ट को लीज पर दी गई थी, उसे लीज खत्म होने के बाद सरकारी घोषित कर 23 निजी लोगों को आवंटित कर दिया गया। इस मामले में भी विनय चौबे और अन्य अधिकारियों के संलिप्त होने की आशंका है।
शराब बिक्री में घोटाला:
शराब एजेंसियों के चयन में नियमों की अनदेखी कर सरकार को 38 करोड़ रुपये का बड़ा नुकसान पहुंचाने का आरोप है। इस मामले में विनय चौबे की गिरफ्तारी हो चुकी है।
आय से अधिक संपत्ति:
एसीबी ने विनय चौबे और उनके सहयोगियों की आय से अधिक संपत्ति की भी जांच शुरू की है। उनके नाम पर कई प्रॉपर्टी और कंपनियां मिली हैं, जिनके लेनदेन की जांच जारी है। झारखंड सरकार और एसीबी इस मामले में सख्ती बरत रही है और भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का इरादा जाहिर किया है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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