Amarnath:
श्रीनगर, एजेंसियां। अमरनाथ गुफा मंदिर हिंदू धर्म के प्रमुख और पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है, जिसे भगवान शिव और माता पार्वती के अमरत्व से जुड़े रहस्यों के कारण अत्यंत महत्व दिया जाता है। हर साल सावन महीने में हजारों श्रद्धालु यहां यात्रा करते हैं और प्राकृतिक हिम से निर्मित शिवलिंग—बाबा बर्फानी—के दर्शन करते हैं। यह यात्रा आषाढ़ पूर्णिमा से शुरू होकर रक्षाबंधन के दिन समाप्त होती है।
क्या है कबूतरों का एक जोड़ा राज
अमरनाथ गुफा में कबूतरों का एक जोड़ा देखा जाता है, जिसे इस गुफा का खास रहस्य माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब भगवान शिव ने माता पार्वती को इस गुफा में अमरत्व का रहस्य और अमरकथा सुनाई थी, तब यह कबूतरों का जोड़ा भी वहां मौजूद था। यह माना जाता है कि उन्होंने भी अमरकथा सुनकर अमरत्व प्राप्त किया और इसलिए इन्हें अमर पक्षी कहा जाता है। जिन श्रद्धालुओं को यह जोड़ा दिखाई देता है, उन्हें भगवान शिव और माता पार्वती के दर्शन के समान पुण्य की प्राप्ति होती है और वे मुक्ति की ओर अग्रसर होते हैं।
दर्शन को शुभ संकेत माना जाता
अमरनाथ यात्रा में यह कबूतर जोड़ा श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखता है। इसके दर्शन को शुभ संकेत माना जाता है जो भक्तों के लिए ईश्वर की कृपा का प्रतीक होता है। इसी कारण से यह जोड़ा अमरनाथ गुफा के रहस्यों में से एक सबसे आकर्षक और रहस्यमय तत्व के रूप में जाना जाता है। अमरनाथ गुफा की इस पवित्रता और कबूतरों के जोड़े की यह कथा भक्तों में आस्था और विश्वास को और भी मजबूत करती है। इसलिए, अमरनाथ यात्रा न केवल एक तीर्थयात्रा है, बल्कि यह आध्यात्मिक अनुभव का स्रोत भी है, जहां प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।
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