फूड प्रोडक्ट्स मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट बढ़ने से महंगाई बढ़ी
नई दिल्ली, एजेंसियां। फरवरी महीने में थोक महंगाई (Dearness) बढ़कर 2.38% पर आ गई है। इससे पहले जनवरी में महंगाई 2.31% पर थी। फूड प्रोडक्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट (Manufacturing Cost) बढ़ने से महंगाई बढ़ी है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने आज यानी 17 मार्च को ये आंकड़े जारी किए।
थोक महंगाई में मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की हिस्सेदारीः
63.75%, प्राइमरी आर्टिकल जैसे फूड की हिस्सेदारी 22.62% और फ्यूल एंड पावर की हिस्सेदारी 13.15% है। यानी, मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की महंगाई के ऊपर-नीचे होने का सबसे ज्यादा असर महंगाई दर पर होता है।
रोजाना जरूरत के सामान, खाने-पीने की चीजें सस्ती हुईः
रोजाना की जरूरत वाले सामानों की महंगाई 4.69% से घटकर 2.81% हो गई।
खाने-पीने की चीजों की महंगाई 7.47% से घटकर 5.94% हो गई।
फ्यूल और पावर की थोक महंगाई दर -2.78% से बढ़कर -0.71% रही।
मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स की थोक महंगाई दर 2.51% से बढ़कर 2.86% रही।
सब्जियां और दालें सबसे ज्यादा सस्तीः
अनाज की थोक महंगाई 7.33% से घटकर 6.77% हो गई है।
दालों की थोक महंगाई 5.08% से घटकर -1.04% हो गई है।
सब्जियों की महंगाई 8.35% से घटकर -5.80% हो गई है।
दूध की थोक महंगाई 2.69% से घटकर 1.58% हो गई है।
इसे भी पढ़ें
फरवरी में रिटेल महंगाई 4% से नीचे आ सकती है, सांख्यिकी मंत्रालय जारी करेगा आंकड़े