रांची। आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है और महिला सशक्तिकरण की बात इस दिन की जाती है। लेकिन रांची विश्वविद्यालय की बेटियों ने ये साबित कर दिया है कि वो किसी से कम नहीं है। कारण है कि रांची विश्वविद्यालय में बेटियों की धमक बढ़ रही है।
इसका ताजा उदाहरण है कि 38वें दीक्षांत समारोह में कुल 63 गोल्ड मेडल में 48 पर बेटियों का कब्जा। केवल इसी दीक्षांत में नहीं बल्कि पिछले चार दीक्षांत समारोह में अगर नजर डालें तो वहां बेटियों ने बेटों को पीछे छोड़ दिया है।
चार दीक्षांत समारोह में अब तब बेटियों का ही जलवा
रांची विश्वविद्यालय के चार दीक्षांत समारोह के आंकड़ों पर अगर नजर डालें तो यहां सबसे अधिक गोल्ड मेडल पाने वाली सूची में बेटियां ही शामिल हैं। 35वें दीक्षांत समारोह में 79 गोल्ड मेडल दिये गये थे, जिसमें 49 छात्राओं को गोल्ड मेडल मिला था।
वहीं इसके बाद 36वें दीक्षांत समारोह में 77 गोल्ड मेडल प्रदान किये गये थे, जिसमें 50 छात्राओं ने गोल्ड मेडल पर कब्जा किया था। इसी तरह 37वें दीक्षांत समारोह में कुल 76 गोल्ड मेडल दिये गये थे। जिसमें 40 छात्राओं ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया था।
इसके बाद 38वें दीक्षांत समारोह में ये आकंड़ा और भी बढ़ गया है। कुल 63 गोल्ड मेडल इसबार दिये गये। जिसमें 48 छात्राएं गोल्ड मेडल पाने वाली सूची में शामिल है।
यूजी से पीजी तक में बेटियां ही आगे
रांची विवि के यूजी से लेकर पीजी तक में बेटियां ही आगे रहती है। इसी का नतीजा होता है कि दीक्षांत समारोह में जो भी मुख्य अतिथि आते हैं वो बेटियों की तारीफ करने से नहीं चूकते हैं।
वहीं रांची विवि में यूजी हो चाहे पीजी की पढ़ाई हो, बेटियां गंभीरता और लगन के साथ पढ़ाई करती हैं। जिसका रिजल्ट सबके सामने है।
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