नई दिल्ली, एजेंसियां। यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया अपने एक आपत्तिजनक जोक के कारण आलोचनाओं से धिरे हैं। फिलहाल, सुप्रीम कोर्ट से उन्हें राहत मिल गई है। कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए कहा कि उन्हें जांच में सहयोग करना होगा। यह मामला एक गंदे जोक को लेकर था, जो उन्होंने अपने शो में पेरेंट्स के बारे में कह डाला था।
SC ने राहत के साथ की कड़ी टिप्पणीः
सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर को राहत तो दी, लेकिन उनके जोक पर कड़ी प्रतिक्रिया भी व्यक्त की। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि ‘उसके दिमाग में कुछ गंदगी है’ और पॉपुलर होने का मतलब यह नहीं कि कोई भी बयान दे दिया जाए।
कोर्ट ने यह भी कहा कि सिर्फ लोकप्रियता के कारण किसी को समाज का मजाक बनाने का अधिकार नहीं मिल जाता। इस याचिका पर जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस एन कोटेश्वर सिंह की बेंच सुनवाई कर रही थी।
रणवीर को आनी चाहिए शर्म- SC
इलाहाबादिया की ओर से उनके वकील ने कोर्ट में यह भी बताया कि रणवीर को धमकियां मिल रही हैं। साथ ही उनकी मां की क्लीनिक में लोग घुसने की कोशिश कर रहे हैं।
इस पर कोर्ट ने कहा कि रणवीर को शर्म आनी चाहिए कि उन्होंने अपने माता-पिता के साथ ऐसा किया। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि हमें मालूम है कि उन्होंने एक ऑस्ट्रेलियाई शो को कॉपी किया है। लेकिन ऐसे शॉज में वॉर्निंग दी जाती है।
SC ने दी रणवीर को राहतः
बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में राहत देते हुए कहा कि मुंबई और गुवाहाटी में दर्ज FIR के तहत रणवीर की गिरफ्तारी पर रोक रहेगी। उन्होंने यह शर्त भी रखी कि रणवीर को जब भी बुलाया जाएगा, वह जांच में पूरा सहयोग करेंगे।
वह बिना किसी वकील के पुलिस स्टेशन में जांच में शामिल होंगे। इसके अलावा कोर्ट ने उनके पासपोर्ट जमा करने का आदेश दिया और बिना अनुमति देश से बाहर जाने पर रोक लगा दी है। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर जयपुर में कोई FIR दर्ज होती है, तो वहां भी गिरफ्तारी पर रोक रहेगी।
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