रांची। रांची विश्वविद्यालय के अतिथि शिक्षकों को पिछले 17 महीनों से बकाया मानदेय नहीं मिलने की वजह से वे आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं।
झारखंड सरकार के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग और विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही के कारण ये शिक्षक वित्तीय कठिनाइयों में हैं।
यहां तक कि त्योहारों पर भी उन्हें कर्ज लेने की जरूरत महसूस हो रही है। धरना और आंदोलन के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
झारखंड प्रदेश अतिथि शिक्षक संघ के संयोजक सह वरिष्ठ नेता डॉ. धीरज सिंह “सूर्यवंशी” ने चेतावनी दी है कि पूजा के बाद अतिथि शिक्षक उग्र आंदोलन करेंगे।
इसके तहत अर्थी जुलूस, तालाबंदी, पुतला दहन, भूख हड़ताल और आमरण अनशन जैसे कदम शामिल होंगे। डॉ. धीरज ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन और सूबे की सरकार को इस समस्या का अविलंब समाधान करना होगा।
हमारी समस्याएं सुननेवाला कोई नहीः
डॉ. अशीष कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री ने हाल ही में बयान दिया कि यह सरकार सुनने वाली है, लेकिन शिक्षकों की समस्याओं को अनसुना किया जा रहा है।
शिक्षकों ने मुख्यमंत्री से मिलने की कोशिश की, लेकिन उन्हें मुलाकात का मौका नहीं मिला।
सरकार के निर्देश पर हुई है बहालीः
अतिथि शिक्षकों की बहाली 2015 से 2023 के बीच उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार हुई थी, लेकिन 17 महीनों से उनका मानदेय बकाया है और वे अब संघर्ष के रास्ते पर हैं।
अतिथि शिक्षकों की आज आयोजित बैठक में डॉ. चक्षु पाठक, शुभम सौरभ, राजू हजम, शिवकुमार, सतीश तिर्की, कृष्णकांत, और विकास कुमार सहित कई शिक्षक उपस्थित थे।
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