रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार और कृषि विभाग का उद्देश्य राज्य में किसानों को आर्थिक रूप से मजबूती प्रदान करना है।
सरकार उनके साथ खड़ी है। यही वजह है कि दो लाख तक का कृषि ऋण माफ करने का निर्णय लिया गया है।
ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले अधिकतर लोगों का जुड़ाव खेती-बाड़ी के कार्यों से है। पिछले 4 वर्षों में राज्य सरकार द्वारा किसान वर्ग के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं का संचालन और नीति निर्धारण किया गया है, जो आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होगा।
जब गांव समृद्ध होंगे तभी राज्य समृद्ध होगा। उनकी सरकार राज्य के गांवों की जड़ों को मजबूत करने पर लगी है।
जब गांव की जड़ें मजबूत होंगी तब स्थायी तौर पर राज्य भी मजबूत होगा। वे डिबडीह में आयोजित प्रमंडलस्तरीय सहकारिता महासम्मेलन, रांची-2024 के उद्घाटन एवं 236 चलंत पशु चिकित्सालय वाहन के शुभारंभ के मौके पर बोल रहे थे।
हेमंत सोरेन सरकार ने खींची है मोटी लकीर
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य में उनकी सरकार के गठन के चंद दिनों बाद से ही कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।
तमाम चुनौतियों से लड़ते-लड़ते पिछले चार वर्षों में राज्य के गरीब, वृद्धजन, महिलाएं, किसान, आदिवासी, दलित, शोषित, पिछड़े सभी वर्गों के उत्थान के लिए उनकी सरकार ने जो लकीर खींची है, वह बहुत मजबूत, लंबी और गाढ़ी है, उसे मिटा पाना मुश्किल है।
कृषि की वैकल्पिक व्यवस्था पर विशेष बल
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारा देश कृषि प्रधान देश है. इस देश में किसान वर्ग के लिए जो नीतियां बनायी गयी हैं, उसका फलाफल बहुत कारगर साबित नहीं हुआ है।
बड़े पैमाने पर किसान वर्ग के लोग अब खेतिहर मजदूर के रूप में गिने जा रहे हैं। भौतिकवादी युग में विकास के विभिन्न मापदंड, सही नीति निर्धारण की कमी तथा जलवायु परिवर्तन किसानों को मजदूर बनने पर मजबूर कर रही है।
यह एक बहुत गंभीर और चिंतनीय विषय है। उनकी सरकार ने राज्य में किसान वर्गों के लिए खेती की वैकल्पिक व्यवस्था पर विशेष बल दिया है।
किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मछली पालन, गाय पालन, मुर्गी पालन, दुग्ध उत्पादन सहित विभिन्न पशुपालन के माध्यम से जोड़कर कृषकों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए निरंतर योजनाएं संचालित की जा रही है।
कृषकों से अपील की कि वे पशुपालन से संबंधित विभिन्न योजनाओं का लाभ जरूर लें. झारखंड में परंपरागत खेती-कृषि के साथ-साथ पशुपालन की परंपरा भी रही है। इन सभी परंपराओं का अनुकरण करते हुए हमसभी लोग आज यहां तक पहुंचे हैं।
राज्य सरकार किसानों के साथ, 2 लाख रुपए तक का कृषि ऋण माफ
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार सदैव यहां के किसान परिवारों के साथ खड़ी है। राज्य सरकार द्वारा कृषकों के 2 लाख रुपए तक के कृषि ऋण माफी का निर्णय लिया गया है।
राज्य सरकार अब कृषि कार्य के लिए किसान परिवारों को बेहतर गुणवत्ता वाले पशु प्रदान कर रही है।
राज्य सरकार ने पहली बार ऐसी नीति बनाई जिसमें कृषकों को प्रदान किए जाने वाले सभी पशुओं का इंश्योरेंस किया जाता है, ताकि पशुओं के मरने पर उन्हें बीमा की राशि उपलब्ध कराई जा सके।
राज्य में बड़े पैमाने पर लोग मछली पालन के व्यवसाय से भी जुड़े हैं। राज्य सरकार यहां विभिन्न पशुपालन योजनाओं को बढ़ावा दे रही है।
खेत-खलिहान और पशुधन ग्रामीणों के बैंक एवं एटीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीणों का मूलधन खेत-खलिहान और पशुधन होता है। आप इसे यह कह सकते हैं कि किसानों का बैंक और एटीएम कार्ड खेत-खलिहान और पशुधन ही है।
ग्रामीण किसान परिवारों की हर जरूरत इसी से पूरी होती है। उनकी सरकार ने वनोपज को बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य को पूरा कर रही है।
ग्रामीणों को वन उपज का सही मूल्य मिल सके, इसके लिए भी उनकी सरकार संकल्पित है। खेती-कृषि, विभिन्न पशुपालन तथा वनोपज को एक उचित प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया जाए तो आने वाली कई समस्याओं से किसानों को बचाया जा सकेगा।
राज्य सरकार द्वारा किसान पाठशाला, बिरसा हरित ग्राम योजना, दीदी बाड़ी योजना, दीदी बगिया योजना सहित कई अन्य योजनाओं का संचालन किया जा रहा है, ताकि ग्रामीण परिवार इन योजनाओं से जुड़कर आर्थिक रूप से मजबूत हो सके।
मौके पर ये थे उपस्थित
इस अवसर पर कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री दीपिका पाण्डेय सिंह, सांसद सुखदेव भगत, राज्यसभा सांसद महुआ माजी, विधायक कल्पना सोरेन, झारखंड गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
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