बच्चों के पेट में इंफेक्शन कैसे होता है?
बच्चों के पेट में इंफेक्शन
बच्चों की इम्यूनिटी पावर कमजोर होती है। ऐसे में उनको संक्रमण होने की संभावना अधिक होती है।
इस वजह से बच्चे बार बार बीमार पड़ते हैं। लेकिन कई बार दूषित पानी व आहार खाने की वजह से भी बच्चों के पेट में दर्द होने लगता है।
दरअसल जब बच्चे बाहर से आने के बाद बिना हाथ धोएं खाना खा लेते हैं, तो ऐसे में उनके संक्रमित होने की संभावना बढ़ जाती है।
इस वजह से बच्चे के पेट में दर्द होता है। इसके अलावा उसे उल्टी व दस्त होने की समस्या भी होती है।
कुछ बच्चों को उल्टी व दस्त के साथ ही बुखार आ जाता है। ये समस्या बच्चों को सात दिनों तक रह सकती है।
जबकि कुछ बच्चों में ये समस्या जल्द ठीक हो जाती है। पेट में इंफेक्शन को स्टमक बग के नाम से भी जाना जाता है।
स्टमक बग
बच्चों में अक्सर पेट में दर्द की समस्या रहती है। ऐसे में माता पिता घबरा जाते है। इस समस्या में बच्चे बेहद ही शांत हो जाते हैं।
बच्चों के पेट में फ्लू होने की वजह से उनको दर्द महसूस होता है। इसे गैस्ट्रोएंटेराइटिस भी कहा जाता है।
ये समस्या मुख्य रूप से बच्चों की आंतों में संक्रमण की वजह से होती है। इसकी वजह से बच्चों को अन्य समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है।
पेट का फ्लू, जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट के कुछ हिस्सों को प्रभावित करता है। इसे ही स्टमक बग कहा जाता है।
इस स्थिति में बैक्टीरिया गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में संक्रमण करते हैं और आंतों में सूजन का कारण बनते हैं। इस रोग में बच्चों का पाचन तंत्र प्रभावित होता है।
बच्चों के पेट में इंफेक्शन या स्टमक फ्लू होने के बारे में जानना बेहज जरूरी है।
स्टमक फ्लू के लक्षणः
पेट का इंफेक्शन या फ्लू होने पर बच्चों में उल्टी व दस्त दो मुख्य लक्षण दिखाई देते हैं। अगर बच्चे को बार बार उल्टी या दस्त हो रहा है तो इस स्थिति में उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए।
• बच्चे को दस्त होना
• पेट दर्द और ऐंठन
• बुखार आना
• बच्चे को ठंड लगना
• जी मिचलाना
• बच्चे को बार बार उल्टी करना
• बच्चे को भूख न लगना
• बच्चे को सिर दर्द में दर्द होना
• मांसपेशियों में दर्द होना
• बच्चों को थकान होना
• बच्चे को अधिक नींद आना, आदि।
यदि आपके बच्चे को स्टमक फ्लू है, तो वह पेट दर्द की वजह से बार बार रोने भी लगता है। इसके अलावा बच्चा चिड़चिड़ा हो जाता है।
स्टमक फ्लू वाले शिशुओं को बुखार होने की संभावना कम होती है।
स्टमक फ्लू का इलाजः
बच्चों में स्टमक फ्लू होने पर डॉक्टर उसके मूल कारण का पता लगाकर इलाज करते है। इसमें बच्चों का इस तरीके से इलाज किया जाता हैः
• दस्त के समय बच्चे के शरीर से बाहर हुए नमक की मात्रा को सही करने के लिए उसे नमक खाने की सलाह दी जाती है।
• अगर बच्चे को बैक्टीरिया की वजह से स्टमक फ्लू हुआ है तो उसको एंटीबायोटिक्स दवाएं दी जाती है।
• इसके अलावा एनाल्जेसिक दवाएं व कुछ अन्य देवाओं से बच्चे का इलाज किया जाता है।
• इस समय बच्चे के शरीर में पानी की कमी हो सकती है, ऐसे में उसको पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ देने चाहिए।
बच्चे के पेट में इंफेक्शन के घरेलू उपायः
बच्चे को पेट में इंफेक्शन होने पर घरेलू देखरेख से उसकी रिकवरी के समय को कम किया जा सकता है।
• बच्चे को थोड़ी-थोड़ी मात्रा में तरल चीजें देते रहें।
• यदि बच्चा बेहद छोटा है और स्तनपान करता है तो उसे थोड़ी थोड़ी देर में स्तनपान कराएं।
• इस समय आप बच्चे को ओआरएस का घोल दे सकते हैं।
बच्चे के पेट में इंफेक्शन से बचाव के उपायः
बच्चे को पेट के इंफेक्शन से बचाने के लिए आप उसके हाथ को थोडी-थोड़ी देर में धुलाएं। साथ ही बच्चा को हाथ धोने के सही तरीके के बारे में बताएं। इसके अलावा भी कुछ उपाय हैं, जैसेः
• बच्चे को छींकते या खांसते समय मुंह व नाक में कपड़ा या रूमाल रखने के लिए कहें।
• बच्चे को किसी का जूठा भोजन शेयर करने से रोकें।
• बच्चे के कपड़ों व बिस्तर को साफ रखें। इससे बच्चों में कीटाणुओं से संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।
• बच्चे के खिलौनों को गर्म पानी व डिटर्जेंट से साफ करें। इससे स्टमक फ्लू का खतरा कम होता है।
• बच्चे के तौलिये को अलग करें। इससे भी उन्हें संक्रमण की संभावना होती है।
आसानी से पचने वाले आहार देः
बच्चों के पेट में इंफेक्शन होने पर बच्चे के आसानी से पचने वाले आहार जैसे मंगू दाल की खिचड़ी, दलिया व अन्य चीजों को देने चाहिए।
इन चीजों को पचाने में समस्या नहीं होती है और बच्चे को पर्याप्त एनर्जी भी मिल पाती है।
यदि बच्चे को पेट में इंफेक्शन के लक्षण गंभीर दिखाई दें, तो तुरंत डाक्टर से सलाह करें। डॉक्टर बच्चे की जांच कर उसका इलाज सही रूप से करते हैं।
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