नयी दिल्ली: इस बार का आम चुनाव भारत में अब तक का दूसरा सबसे लंबा चुनाव कार्यक्रम होने पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि इससे विपक्षी दलों को नुकसान होता है।
येचुरी ने कहा, ‘‘यह चिंता का विषय है। हम जानते हैं कि संविधान इन मामलों में निर्वाचन आयोग को संपूर्ण अधिकार, एकमात्र अधिकार देता है।
संविधान द्वारा सिर्फ उसे ही यह अधिकार मिला है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हम इसके विवेक पर सवाल उठाते हैं।’’
माकपा नेता ने कहा कि तकनीकी प्रगति के साथ चुनाव कराने में लगने वाला समय घटना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके बजाय, यह समय बढ़ गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘1952 को छोड़कर पहली बार आप इतना लंबा चुनाव देख रहे हैं। आजादी के बाद पहले चुनाव में बहुत सी चीजों को समायोजित करना था…अब यह सबसे लंबा चुनाव है। तकनीक के साथ यह अवधि कम होनी चाहिए लेकिन यह बढ़ गई है।’’
विपक्षी दलों के पास धन या पहुंच के मामले में आगामी चुनावों में समान अवसर नहीं होने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जब प्रत्यक्ष रूप से प्रचार की बात आती है तो लंबी अवधि के चुनाव कार्यक्रम से नुकसान होता है।
माकपा विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ का हिस्सा है। उन्होंने कहा, ‘‘एक चरण में मतदान चलता है और दूसरे चरण में चुनाव प्रचार चल रहा होता है।
प्रधानमंत्री और सत्तारूढ़ दल के नेता रैली, सभाओं में जो कहते हैं, उसका सीधा प्रसारण उन स्थानों पर होता है जहां मतदान हो रहा होता है।’’
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