टेस्टिंग सफल, दो माह बाद शुरू होगा उत्पादन
रांची। झारखंड का सबसे बड़ा पावर प्लांट बन कर तैयार हो गया है। इसे सिंक्रोनाइज कर दिया गया। इसे ग्रिड के साथ जोड़कर चलाया गया और सौ मेगावाट बिजली का उत्पादन कर टेस्टिंग की गई। यह पूरी तरह सफल रहा। लेकिन अभी ग्रिड में बिजली ले जाने के लिए नई लाइन नहीं बनी है, इसलिए इसे इसकी पूरी क्षमता यानी 800 मेगावाट पर नहीं चलाया जा सका।
लाइन बनने में 2 से 3 माह लगेंगेः
लाइन बनने में दो से तीन माह का समय लगेगा, इसके बाद ही इस प्लांट की बिजली का उपयोग हो पाएगा। पतरातू में 2400 मेगावाट क्षमता का पावर प्लांट बनाया जा रहा है, जिसकी अनुमानित लागत करीब 12 हजार करोड़ है। 800 मेगावाट क्षमता वाले तीन प्लांट लगने हैं। अभी पहले प्लांट की टेस्टिंग की गई है। मार्च 2018 में यहां काम शुरू हुआ था। साल 2022 में इसे चालू होना था, पर यह अब उत्पादन के लिए तैयार है। इस प्लांट पर लगभग चार हजार करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।
राज्य के लिए बड़ी उपलब्धिः
ऊर्जा सचिव अविनाश कुमार ने कहा कि राज्य के लिए यह बड़ी उपलब्धि है। सरकार चाहती है कि पतरातू से जल्द से जल्द बिजली उत्पादन शुरू हो। अभी कम क्षमता पर टेस्टिंग हुई है। ग्रिड तक बिजली पहुंचाने के लिए ट्रांसमिशन लाइन का काम चल रहा है। अन्य तैयारी होने तक हमारी लाइन भी बन जाएगी।
राज्य में सस्ती बिजली मिलेगी, आत्मनिर्भर होंगे
झारखंड को प्रतिदिन लगभग 2 से 3 हजार मेगावाट बिजली की आवश्यकता होती है। यह हर साल 5 से छह प्रतिशत तक बढ़ रही है। अभी राज्य में लगभग छह सौ मेगावाट बिजली उत्पादित होती है शेष बिजली हम दूसरे राज्यों से खरीदते हैं। एनटीपीसी से उत्पादन शुरू होने के बाद हमें राज्य में सस्ती बिजली मिलेगी हम आत्मनिर्भर हो जाएंगे।
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