26/11 Mumbai:
नई दिल्ली, एजेंसियां। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस प्रक्रिया की शुरुआत 2009 में यूपीए सरकार के दौरान हुई थी। चिदंबरम ने इस बात को स्पष्ट किया कि जब 2011 में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने राणा की पहचान की, तो इसके बाद ही प्रत्यर्पण प्रक्रिया में तेजी आई।
26/11 Mumbai: चिदंबरम ने कहा
चिदंबरम ने कहा, “मैंने पहले ही तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण का स्वागत किया है। हालांकि, यह प्रक्रिया 2009 में शुरू हुई थी, और 2011 में अमेरिकी एजेंसियों द्वारा राणा की पहचान के बाद इस प्रक्रिया में गति आई।”
उन्होंने कहा कि इस पूरे अभियान में विदेश मंत्रालय, खुफिया एजेंसियों और एनआईए के अधिकारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्होंने विशेष रूप से यूपीए सरकार में विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद और विदेश सचिव रंजन मथाई का नाम लिया, जो इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका में थे।
26/11 Mumbai: बीजेपी प्रवक्ताओं पर टिप्पणी
बीजेपी प्रवक्ताओं द्वारा इस मामले में दिए गए बयानों पर चिदंबरम ने कहा, “मैं बीजेपी के प्रवक्ताओं को गंभीरता से नहीं लेता। मैं आधिकारिक बयान का इंतजार कर रहा हूं, जो विदेश मंत्रालय या गृह मंत्रालय से आए।”
उन्होंने आगे कहा, “यहां वास्तविक मुद्दा यह है कि धैर्य, कूटनीतिक प्रयासों और कानूनी कूटनीति की बदौलत तहव्वुर राणा को भारत वापस लाया गया, और मैं उन सभी लोगों का आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने इस प्रक्रिया में योगदान दिया।”
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