रांची। साल 2024 झारखंड की राजनीति के लिए काफी उथल-पुथल वाला रहा। एक साल में तीन बार मुख्यमंत्री पद के लिए शपथ ग्रहण हुआ। वहीं 31 जनवरी 2024 का दिन भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए यादगार बन गया।
पहली बार किसी केंद्रीय जांच एजेंसी ने मुख्यमंत्री को पद पर रहते हुए गिरफ्तार किया। आनन-फानन में हेमंत सोरेन को अपने पद से त्यागपत्र देना पड़ा। वहीं 2024 का साल बीजेपी के लिए निराशाजनक रहा। बीजेपी को लोकसभा चुनाव में अपेक्षित सफलता नहीं मिल सकी, जबकि विधानसभा चुनाव में भी उसे पराजय का सामना करना पड़ा।
दो दिनों तक किसी पता नहीं हेमंत कहां रहें
31 जनवरी 2024 की रात को हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी वाले दिन सुबह से ही राजधानी रांची में चहल-पहल थी। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह और 27 जनवरी को राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के बाद हेमंत सोरेन दिल्ली चले गए। लेकिन 28-29 जनवरी को कथित तौर पर लापता रहने वाले हेमंत सोरेन को ईडी, दिल्ली पुलिस और अन्य जांच एजेंसियां ढूंढती रही। लेकिन वो 30 जनवरी को इंडी गठबंधन के विधायकों के साथ बैठक में सार्वजनिक मंच पर दिखे।
इससे पहले 29 जनवरी को ईडी ने दिल्ली के शांति निकेतन स्थित आवास, झारखंड भवन और सांसद शिबू सोरेन के आवास पर छापेमारी की। लेकिन हेमंत सोरेन नहीं मिले। ईडी की ओर से छापेमारी के दौरान शांति निकेतन से बड़ी संख्या में दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस जब्त किए जाने और एक बीएमडब्ल्यू कार मिलने की सूचना मिली।
बताया गया था कि 29 जनवरी को ही हेमंत सोरेन के दोपहर में रांची लौटने का कार्यक्रम था, उनका चार्टर्ड प्लेन दिल्ली एयरपोर्ट पर मौजूद भी था। लेकिन हेमंत सोरेन को ईडी की टीम खोज नहीं पाई।
30 जनवरी को हेमंत ने गठबंधन के विधायकों संग की बैठकः
30 जनवरी को सूचना मिली कि हेमंत सोरेन रांची पहुंच गए हैं। उसी दिन हेमंत सोरेन ने रांची में इंडी गठबंधन के विधायकों संग बैठक की। अपनी संभावित गिरफ्तारी को देखते हुए हेमंत सोरेन की ओर से बैठक में उपस्थित सभी विधायकों से हस्ताक्षर करा कर रख लिया गया।
उस दिन दोपहर में हेमंत सोरेन जनता के सामने भी आए, लेकिन दिल्ली से कब और कैसे लौटे, यह रहस्य अब तक बरकरार है। हेमंत सोरेन ने गठबंधन के विधायकों के साथ उस दिन दो महत्वपूर्ण बैठक की। पहली बैठक में पत्नी कल्पना सोरेन भी साथ थीं।
सत्तापक्ष के सभी विधायकों ने अंतिम निर्णय लेने के लिए हेमंत सोरेन को अधिकृत कर दिया। वहीं एक अन्य समर्थन पत्र पर भी सभी विधायकों ने हस्ताक्षर कर दिया। लेकिन उस समर्थन पत्र में नेता पद के स्थान को खाली रखा गया था।
31 जनवरी को हेमंत सोरेन गिरफ्तार, चंपाई नेता चुने गएः
31 जनवरी 2024 को रांची स्थित सीएम आवास में सुबह से ही गहमागहमी का माहौल था। हेमंत सोरेन ने सुबह में सत्तापक्ष के सभी विधायकों के साथ बैठक की। इस बैठक में सभी मंत्री और गठबंधन में शामिल दलों के वरिष्ठ नेता भी पहुंचे।
वहीं दोपहर 1 बजकर 18 मिनट पर ईडी के अधिकारियों की टीम सीएम आवास पहुंची। करीब सात घंटे से अधिक समय तक ईडी के अधिकारी हेमंत सोरेन से पूछताछ करते रहे। रात 8.30 मिनट पर हेमंत सोरेन अपने आवास से राजभवन के लिए निकले। रात 8.35 मिनट पर हेमंत सोरेन राजभवन पहुंचे और अपना त्यागपत्र राज्यपाल को सौंप दिया।
इसके बाद चंपाई सोरेन के नेतृत्व में गठबंधन के नेता राजभवन पहुंचे और नई सरकार बनाने का दावा पेश किया। ईडी के अधिकारी राजभवन से ही हेमंत सोरेन को साथ लेकर एयरपोर्ट रोड स्थित जोनल ऑफिस पहुंचे, जहां मेडिकल टीम ने हेमंत सोरेन के स्वास्थ्य की जांच की। इसके साथ ही हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी का औपचारिक ऐलान कर दिया गया।
रात 10.05 बजे हेमंत सोरेन से मिलने कल्पना सोरेन ईडी ऑफिस पहुंचीं। कुछ देर मुलाकात के बाद कल्पना सोरेन वापस लौट गईं। हेमंत सोरेन को रिमांड पर लेकर 14 दिनों तक ईडी अधिकारियों ने जमीन घोटाले मामले में पूछताछ की। फिर बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल भेज दिया गया।
28 जून को हेमंत को हाईकोर्ट से मिली जमानतः
हेमंत सोरेन करीब पांच महीने तक जेल में रहे। लोकसभा चुनाव बीत जाने के बाद हेमंत सोरेन को 28 जून को झारखंड हाईकोर्ट से जमीन घोटाले से जुड़े मामले में जमानत मिल गई और उसी दिन शाम को वह जेल से बाहर आ गये।
हेमंत सोरेन जब जेल से बाहर निकले, तो वो नए रूप में नजर आए, वो अब अपने पिता शिबू सोरेन की तरह बढ़े हुए बाल और ढाढ़ी के साथ नजर नए लूक में दिख रहे थे। जेल से रिहाई के वक्त उनकी पत्नी कल्पना सोरेन भी मौजूद थीं। लेकिन सीएम चंपाई सोरेन वहां नजर नहीं आए।
4 जुलाई को हेमंत ने तीसरी बार सीएम के रूप में शपथ लीः
28 जून को जेल से बाहर आने के साथ ही मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन पर कुर्सी छोड़ने का दबाव बढ़ने लगा। चंपाई सोरेन के सारे सरकारी कार्यक्रमों को पार्टी नेतृत्व की ओर से स्थगित करने की घोषणा कर दी गई। 3 जुलाई को जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी विधायकों की बैठक हुई। जिसके बाद 4 जुलाई को हेमंत सोरेन के नेतृत्व में गठबंधन दल के नेताओं ने राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात की।
4 जुलाई को दोपहर 12.30 बजे हेमंत सोरेन राज्यपाल से मिलने पहुंचे। उनसे पूछा गया कि वो कब शपथ लेंगे। इसके बाद दोपहर दो बजे सूचना दी गई कि हेमंत सोरेन उसी दिन शाम 4.45 बजे शपथ लेंगे और हेमंत सोरेन ने तीसरी बार सीएम के रूप में शपथ ली।
विधानसभा चुनाव की जीत से शीर्ष पर पहुंचे हेमंतः
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में एक बार फिर से हेमंत सोरेन के नेतृत्व में जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी और सीपीआई-एमएल को बड़ी जीत मिली। इंडी गठबंधन के 56 विधायक चुनाव में विजयी रहे। जिसके बाद हेमंत सोरेन ने 28 नवंबर को चौथी बार सीएम के रूप में शपथ ली। इस प्रकार यह साल हेमंत सोरेन के जेल से सत्ता के शीर्ष कर पहुंचने का गवाह बना।
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