रांची। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने वर्ष 2025 को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) वर्ष घोषित किया है।
भारत को विश्वगुरु बनाने के सपने को साकार करने के लिए देशभर के इंजीनियरिंग कॉलेजों में अध्ययन कर रहे छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में दक्ष किया जाएगा।
इसके तहत एआईसीटीई द्वारा इंजीनयिरिंग कॉलेजों से योजना का प्रारूप तैयार कर भेजने के लिए कहा गया है।
कॉलेजों में होंगे कई कार्यक्रम
तकनीकी संस्थानों के कैंपस में एआई, इनोवेशन और शिक्षा के क्षेत्र में भारत को विश्वगुरु बनाने का संकल्प लेने के साथ विविध एक्टिवटी आयोजित की जाएगी।
एआईसीटीई का कहना है कि भारत युवाओं का देश है और भविष्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में है।
14 हजार से ज्यादा संस्थान एआइसीटीई से संबद्ध
एआईसीटीई से देश भर में लगभग 14 हजार से अधिक तकनीकी संस्थान एफिलिएटेड हैं, जहां लाखों स्टूडेंट्स पढ़ते हैं।
वहीं झारखंड में निजी व सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों की संख्या 81 है। एआईसीटीई ने कहा है कि एआई नवाचार, नैतिकता और शिक्षा के माध्यम से विश्व गुरु की ओर कदम बढ़ा सकते है।
एआई वर्क फोर्स तैयार करने की योजना
एआईसीटीई द्वारा वर्ष 2025 में एआई वर्कफोर्स तैयार करने की योजना बनाई गई है। इसके तहत तकनीकी संस्थानों में पढ़ रहे छात्रों को एआई में दक्ष किया जाएगा।
इसके तहत एआई मल्टी डिसीप्लीनरी कोर्स और रिसर्च प्रोग्राम शुरू करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
करियर काउंसिलिंग प्रोग्राम संचालित होंगे
तकनीकी शिक्षण संस्थानों में इंडस्ट्री की आवश्यकता के अनुसार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लैब स्थापित की जाएगी।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जागरुकता के लिए वर्कशॉप, एक्सपर्ट शिक्षकों से स्पेशल एआई लेक्चर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित करियर काउंसिलिंग प्रोग्राम संचालित किए जाएंगे।
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