नई दिल्ली, एजेंसियां। Ericsson ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण जॉइंट वेंचर की घोषणा की, जिसमें 12 प्रमुख टेलीकॉम ऑपरेटर्स को शामिल किया गया है।
इस वेंचर में भारत के प्रमुख टेलीकॉम ऑपरेटर्स, जैसे कि जियो और भारतीय एयरटेल, भी शामिल हैं।
यह जॉइंट वेंचर एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (APIs) नेटवर्क एप्लीकेशंस की बिक्री के लिए स्थापित किया गया है, जिसका उद्देश्य डिजिटल सेवाओं में नई तकनीकों को बढ़ावा देना है।
इस वेंचर के माध्यम से वित्तीय लेनदेन को धोखाधड़ी से बचाने पर भी काम किया जाएगा। APIs की सहायता से उपयोग मामलों को अनलॉक किया जाएगा और डिवाइस की स्थिति की निगरानी की जा सकेगी। इसके अतिरिक्त, वीडियो क्वालिटी को भी एडजस्ट किया जा सकता है।
स्वीडिश टेलीकॉम कंपनी Ericsson इस जॉइंट वेंचर में 50% शेयर होल्ड करेगी, जबकि अन्य कंपनियां बचे हुए 50% शेयरों की मालिक होंगी। यह ट्रांजेक्शन अगले साल की शुरुआत तक पूरा हो सकता है, जिसमें रेगुलेटरी अप्रूवल भी शामिल है।
इस वेंचर में América Móvil, AT&T, Orange, Singtel, Telefonica, Telstra, T-Mobile और Vodafone जैसी कंपनियां शामिल हैं।
तीन स्वीडिश कंपनियां भी इसका हिस्सा बन सकती हैं। Vonage और Google Cloud द्वारा एक्सेस प्रदान की जाएगी।
नई कंपनी डेवलपर प्लेटफॉर्म्स, हाइपरस्केलर्स (HCPs), कम्युनिकेशंस प्लेटफॉर्म ऐज़ अ सर्विस (CPaaS) प्रदाताओं, सिस्टम इंटीग्रेटर्स (SIs), और इंडिपेंडेंट सॉफ्टवेयर वेंडर्स (ISVs) के लिए APIs नेटवर्क प्रदान करेगी। यह GSMA और Linux Foundation द्वारा संचालित एक ओपन-सोर्स प्रोजेक्ट है।
रिलायंस जियो के अध्यक्ष मैथ्यू ओमन ने कहा, “हम लंबे समय से एआई और APIs नेटवर्क को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं।
ग्लोबल कंपनी के साथ साझेदारी से हमारा काम आसान हो जाएगा।” वहीं, एयरटेल ने टिप्पणी की, “हमारी नेटवर्क मोनेटाइजेशन पॉलिसी मजबूत होगी, जिससे पूरी इकोसिस्टम को लाभ होगा।”
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