वीरेंद्र राम के बैंक खाते खोल रहे राज
काले कारनामे में पत्नी, पिता, सीए और सबंबंधी शामिल
रांची। गिरफ्तार चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के काले कारनामों का खुलासा उसके बैंक खाते कर रहे हैं। फिलहाल तो इडी ने बैंक खातों के एक हिस्से को ही टटोला है। चौंकाउ खुलासा यह हुआ कि उनके बैंक खातों में करोड़ों रुये जमा हैं, जो जो वैध स्रोतों से अधिक हैं।
इडी ने कोर्ट को वीरेंद्र राम के भ्रष्टाचार से संबंधित कई जानकारी दी है। इडी ने बताया कि वीरेंद्र एवं उनकी पत्नी राजकुमारी देवी के ज्वाइंट बैंक खाते में वित्तीय वर्ष 2014-15 से 2018-19 के बीच विभिन्न स्रोतों से 9.30 करोड़ रुपये जमा हुए।
सीए और संबंधी भी खेल में शामिल
वीरेंद्र राम के पिता गेंदा राम के खाते में 21 दिसंबर 2022 से 23 जनवरी 2023 के बीच में 4.5 करोड़ रुपये जमा हुए। सभी राशि वीरेंद्र राम के चार्टर्ड अकाउंटेंट मुकेश एवं मोहित मित्तल के कर्मी और संबंधियों के खातों से स्थानांतरित की गई है।
आलोक रंजन से जुड़े हैं तार
इडी ने बताया है कि जमशेदपुर में आलोक रंजन के ठिकाने से वर्ष 2019 में 2.67 करोड़ रुपये नकदी मिले थे। वह आलोक रंजन वीरेंद्र राम का नजदीकी रिश्तेदार है। वह वीरेंद्र राम के काले धन का निवेशक है। इडी ने वीरेंद्र राम एवं उनके पारिवारिक सदस्यों के बैंक खातों का भी विश्लेषण किया तो पाया कि उनके खाते में करोड़ों रुपये जमा किए गए हैं।
वीरेंद्र ने अपने आय से संबंधित संतोषजनक जवाब नहीं इडी को नहीं दिया है। छानबीन में पता चला कि वीरेंद्र राम ने अपने पिता गेंदा राम, पत्नी राजकुमारी एवं अन्य पारिवारिक सदस्यों के नाम पर चल-अचल संपत्ति अर्जित की है।
ये हुए खुलासे
इडी ने 21 फरवरी 2023 को वीरेंद्र राम एवं उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट मुकेश मित्तल तथा सहयोगियों के ठिकानों पर छापेमारी की और उनका बयान लिया। तब चार्टर्ड अकाउंटेंट मुकेश मित्तल ने स्वीकार किया कि वीरेंद्र कुमार राम ने अपने रुपयों से संपत्ति खरीदने के लिए उनसे संपर्क किया था। तब वीरेंद्र कुमार राम ने चार्टर्ड अकाउंटेंट मुकेश मित्तल को पांच करोड़ रुपये नकदी देकर कहा कि उक्त राशि उनके पिता गेंदा राम के खाते में जमा करा दें।
तब सीए मुकेश मित्तल ने अपने रिश्तेदार एवं कर्मियों के माध्यम से वीरेंद्र कुमार राम के पिता गेंदा राम के खाते में 31-32 दिनों में 4.48 करोड़ रुपये जमा करा दिया। उक्त राशि दिल्ली के पॅाश इलाके में पिता गेंदा राम के नाम पर संपत्ति खरीदने के लिए उपयोग किया गया। इडी की पूछताछ में वीरेंद्र राम के पिता गेंदा राम ने उनके नए बैंक खाते में इतनी बड़ी राशि जमा होने की जानकारी से इंकार किया है।
पति-पत्नी के ज्वाइंट एकाउंट में आये 9 करोड़
जांच में पता चला कि वीरेंद्र राम एवं उनकी पत्नी राजकुमारी देवी के केनरा बैंक स्थित संयुक्त खाते में दो कंपनियां आरके इंवेस्टमेंट एंड कंस्लटेंसी और आरपी इंवेस्टमेंट एंड कंस्लटेंसी के बैंक खाते से 5.70 करोड़ व 3.59 करोड़ रुपये जमा हुए। इन कंपनियों के संचालक राकेश कुमार केडिया एवं रीना पाल ने इडी की पूछताछ में स्वीकार किया कि उनके खातों का संचालन मुकेश मित्तल करते हैं।
उक्त राशि के स्थानांतरण की जानकारी उन्हें नहीं है। उन लोगों ने स्वीकार किया कि वे राजकुमारी एवं गेंदा राम को नहीं जानते हैं और उनसे कभी मिले भी नहीं हैं। यह भी खुलासा हुआ कि राजकुमारी देवी ने कई गाड़ियां एवं अचल संपत्ति खरीदी है। इतने बड़े लेन-देन के बावजूद राजकुमारी देवी ने आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया।
टेंडर के बदले लेता था कमीशन
वीरेंद्र राम ने इडी को बताया कि विभिन्न कंपनियों को टेंडर आदि के बदले में उसे 0.3 प्रतिशत कमीशन मिलता था। वह जिन गाड़ियां उपयोग करते थे, वे सभी कंपनियों के ही थे। करीब दो वर्षों से वे उन महंगी गाड़ियों का उपयोग करते थे।
इन अचल संपत्ति की मिली जानकारी
वाटिका ग्रीन सिटी जमशेदपुर में डुप्लेक्स ई-3 (2003), डुप्लेक्स ई-2 (2019), साकेत डी-ब्लाक में हाउस नंबर डी-70 (2015) व डिफेंस कालोनी, सी-ब्लाक, तृतीय तल्ले पर फ्लैट नंबर 334 (2019)।
पिता गेंदा राम के नाम पर : प्लाट नंबर ई-8, सतबारी, छतरपुर (2023)।
वीरेंद्र राम के नाम पर : पिठोरिया रांची में एक प्लाट। (2006-07 में)।
इन गाड़ियों का पता चला
टोयटा फार्च्यूनर (वीरेंद्र राम के बेटे आयुष रापसन के नाम पर), आडी एजी (यह भी आयुष रापसन के नाम पर), टोयटा फार्च्यूनर सिग्मा-4 (मेसर्स परमानंद सिंह बिल्डर प्राइवेट लिमिटेड), आडी एजी 35 टीडीआइ (वीरेंद्र राम की पत्नी राजकुमारी देवी के नाम पर), स्कोडा सुपर्ब इलेगेंस (पानामती देवी), इनोवा (मेसर्स राजेश कुमार कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड), टोयटा फार्च्यूनर (अंकित साहू, गुमला के नाम)।