रांची। राज्य सरकार स्वास्थ्य विभाग में जल्द ही 10 हजार से अधिक बहाली करेगी। बुधवार को नामकुम स्थित आईपीएच सभागार में नवनियुक्त पदाधिकारियों को नियुक्त पत्र सौंपते हुए स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने यह घोषणा की। उन्होंने 56 विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारी, 38 चिकित्सा पदाधिकारी, 11 दंत चिकित्सक, 57 ओटी टेक्निशियन को नियुक्त पत्र सौंपा।
मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सोच स्वस्थ झारखंड-सुखी झारखंड को पूरा करने का प्रयास स्वास्थ्य विभाग कर रहा है। आने वाले दिनों में झारखंड में स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी बदलाव देखने को मिलेगा। रिम्स में मरीजों के दबाव को कम करने के लिए बहुत जल्द ही पांच सुपर स्पेशियालिटी हास्पिटल की स्थापना करने जा रहे हैं।
डॉक्टर्स की कमी को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। इससे पहले भी सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारियों को नियुक्ति पत्र दिया गया था । विभाग रिटायर डाक्टर्स से भी सेवाएं लेगा।
इरफान अंसारी ने कहा कि नवनियुक्त चिकित्सकों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। अब आप जनता के बीच जाकर अपनी सेवाएं देंगे।
अपनी क्षमता से समाज को एक खूबसूरत दिशा देने का प्रयास करेंगे। पोस्टिंग विभिन्न अस्पतालों में होगी। प्रयास होना चाहिए कि मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिले। चिकित्सक मरीजों की जान बचाने का काम करते हैं। हमें उनका मनोबल भी बढ़ाने का काम करना होगा।
हर पंचायत में हेल्थ कॉटेज, सुदूर इलाकों में बाइक एंबुलेंस
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि राज्य को बहुत जल्द कई मेडिकल कॉलेज भी देने जा रहे हैं मेडिकल सीटें भी बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। हर पंचायत में हेल्थ काटेज बनाएंगे। एआई टेक्नोलॉजी के तहत इलाज की व्यवस्था की जाएगी। जल्द ही रोबोटिक टेक्नोलॉजी के माध्यम से इलाज होगा।
उन्होंने आगे कहा कि 108 एम्बुलेंस का विस्तार करने जा रहे हैं। साथ ही रिमोट एरिया में बाइक एंबुलेंस की व्यवस्था करने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रयास से एयर एम्बुलेंस की सेवा शुरू की गई थी। इससे बड़े पैमाने पर लोगों की जान बची।
बड़ी कंपनियां करें स्वास्थ्य सेक्टर में करें काम
मंत्री इरफान अंसारी ने बताया कि राज्य में स्थापित बड़ी कंपनियों को सीएसआर फंड के माध्यम से स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने के लिए निर्देशित किया जा रहा है। प्राइवेट हॉस्पिटल्स को मरीजों की मौत पर उनके बकाए बिल को माफ करने का भी निदेश दिया गया है, ताकि मरीज के परिजनों को उनके दुख की घड़ी में परेशान ना होना पड़े। इसका सख्त पालन करने का निदेश उन्होंने दिया है।
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