घुसपैठ और नक्सल झारखंड की प्रमुख समस्याः मोदी
दुमका। पीएम नरेंद्र मोदी ने दुमका में कहा कि विपक्ष तुष्टिकरण की राजनीति करता हैं। जब तक कांग्रेस रही तब तक नक्सलवाद चरम पर रहा।
नक्सलवाद की आग में आदिवासियों का बेटा चला गया। नक्सलवाद में सबसे ज्यादा आदिवासी समाज जला है।
संथाल परगना तो बहुत ज्यादा घुसपैठियों से जूझ रहा है। इसका परिणाम ये है कि आदिवासियों की संख्या कम ही रही है।
घुसपैठियों की संख्या बढ़ रही है। बेटियों का जीवन खतरे में है। 50 टुकड़े करके बेटियों की हत्या हो रही है।
आदिवासी बेटी को जिंदा जला दिया जाता है। आदिवासियों को निशाना बनाने वालों को झामुमो पाल रहा है।
इंडि गठबंधन की देशविरोधी राजनीति का एक खतरनाक फॉर्मूला है। वो सांप्रादायिक लड़ाई कराते हैं।
तुष्टिकरण करते हैं, आतंकवादियों का साथ रहे हैं। हम विरोध करते हैं तो हम पर मुस्लिम-हिंदू करने का आरोप लगता है।
भारत के संविधान ने जो आरक्षण दिया है, उसकी रक्षा करने के लिए मोदी जान लगा देगा। जब तक मोदी जिंदा है आप दलितों का, आदिवासियों का वंचितों को आरक्षण छिनने नहीं देगा।
जब इनकी हरकतों को विरोध करता हूं तो ये कहते हैं मोदी हिंदू मुसलमान करता है। इनको लगता है मैं डर जाऊंगा।
इंडि वालों सुन लो तुम जितना कीचड़ उछालोगे उतना कमल खिलेगा। ये चाहे कुछ भी कर ले मोदी आदिवासियों, दलितों का हक छिनने नहीं देगा।
पीएम मोदी ने लव जिहाद और शुक्रवार को छुट्टी पर कहा, ‘मुझे हमारे साथी बता रहे थे कि लव जिहाद शब्द सबसे पहले झारखंड में आया।
झारखंड वालों ने यह शब्द दिया है। अब देखिए हमारे देश में रविवार को छुट्टी होती है, कभी अंग्रेज जब यहां राज करते थे, तो ईसाई समाज होलीडे मनाता है, तभी से रविवार को छुट्टी वाली परंपरा शुरू हुई।
रविवार हिंदुओं से नहीं ईसाई समाज से जुड़ा हुआ है। 200-300 साल से यह चल रहा है। उन्होंने एक जिले में रविवार की छुट्टी पर ताले लगवा दिए और बोले अब शुक्रवार को छुट्टी होगी।’
दरअसल, साल 2022 में झारखंड के कुछ सरकारी स्कूलों में रविवार की जगह शुक्रवार को छुट्टी होने लगी थी।
ऐसा बताया गया कि स्थानीय लोगों के दबाव के चलते स्कूलों ने यह फैसला लिया था।
मैंने इंडि वालों से मांग की है कि आप लिखित में दो कि आप आदिवासियों का, दलितों का आरक्षण नहीं छीनेंगे तो ये लिखकर दें तो नहीं देते हैं।
आप जाग जाइए ये लूटने की ताक पर बैठे हैं। ये बाबा साहब का दिया अधिकार लूटने में लगे हैं। जिन दलित वंचित आदिवासी इलाकों में विकास नहीं हुआ वहां मोदी विकास कर रहा है।
हमें झारखंड को विकास की नई ऊचाईयों पर ले जाना है। आपके वोट की ताकत आपका भविष्य बदलने वाला है।
इसलिए दुमका से सीता सोरेन, गोड्डा से निशिकांत दुबे जी और राजमहल से ताला मरांडी जी को कमल के फूल पर बदन दबाकर भारी मतों से जिताएं।
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