रांची। झारखंड में अब फैक्ट्रियों के खुलने की राह आसान हो गई है। राज्य में मार्च से अबाधित बिजली की आपूर्ति होगी। इसके साथ ही झारखंड बिजली उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर हो जायेगा। झारखंड को मार्च तक पतरातू थर्मल प्लांट से बिजली मिलने लगेगी। पहले चरण में 800 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। बहुत जल्द ट्रांसमिशन लाइन पूरा कर लिया जाएगा। इस प्लांट से जितनी बिजली का उत्पादन होगा, उसका 85 फीसदी हिस्सा झारखंड को मिलेगा।
जबकि 15 फीसदी हिस्सा केंद्र के हिस्से रहेगी। ऐसा हो जाने से झारखंड को बिजली की खपत पूरा करने के लिए बिजली खरीदनी नहीं पड़ेगी। अभी आवश्यकता पड़ने पर पावर एक्सचेंज से बिजली खरीदनी पड़ती है। इसके लिए सरकार को 10 से 12 रुपए प्रति यूनिट खरीदना पड़ता है।
पीवीयूएनएल के सीइओ आरके सिंह के मुताबिक प्रोडक्शन को लेकर जो जरूरी कंस्ट्रक्शन वर्क पूरा कर लिया गया है। अभी ट्रांसमिशन लाइन का काम चल रहा है। इसे भी समय पर पूरा कर लिया जाएगा। उसके बाद बिजली बेचने की प्रक्रिया भी चालू कर दी जाएगी। मैनेजमेंट भी इसे लेकर तैयारी शुरू कर दी है।
पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (पीवीयूएनएल) झारखंड बिजली वितरण निगम व एनटीपीसी की ज्वाइंट वेंचर कंपनी है। यहां से कुल 4000 मेगावाट बिजली का उत्पादन होना है। पहले दौर में 800 मेगावाट की तीन यूनिट लग रही है। बता दें कि यह कुल 4000 यूनिट का प्रोजेक्ट है।
इसमें पहली यूनिट से बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा। दूसरी और तीसरी यूनिट से भी इस साल के अंत तक उत्पादन शुरू करने का टारगेट रखा गया है। पीवीयूएनएल पतरातू पावर प्लांट के लिए कोयला बनहरदी कोल ब्लॉक लातेहार से आएगा।