खूंटी। पुलिस ने 13 साल बाद एक नक्सली हत्याकांड का खुलासा किया है। इस कांड में शामिल तीन नक्सलियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जिसमें दुई उर्फ फगुआ मुंडा, दिया उर्फ बिरसा नाग उर्फ बिरसा मुंडा और तीन नाग उर्फ सीनु मुंडा शामिल है। तीनों खूंटी जिले के सोयको थाना क्षेत्र अंतर्गत आयूबहातू गांव के रहने वाले हैं।
2012 में दिया था नक्सली हिंसा को अंजामः
इन तीनों पर वर्ष 2012 में आयुबहातू गांव के करम सिंह नाग उर्फ करम सिंह मुंडा की हत्या करने का आरोप है। करम सिंह मुंडा नक्सलियों का विरोध करते थे। पीएलएफआई के कमांडर लाका पाहन के आदेश पर तीनों नक्सली 25 मई 2012 की रात करम सिंह मुंडा को उनके घर से निकालकर जंगल में ले गए थे।
वहां जनअदालत लगाकर उनकी लाठियों से बेरहमी से पिटाई की गई। इसके बाद पत्थर से कुचलकर और गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी। इस मामले में कांड संख्या 30/12 में आईपीसी की धारा 302, 201, 34 एवं 17 सीएलए के तहत मामला दर्ज किया गया था।
स्थाई वारंट जारी किया था कोर्ट नेः
कोर्ट ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ स्थायी वारंट जारी किया था। वारदात के बाद तीनों नक्सली खूंटी के बाहर छिपकर रह रहे थे।
ऐसे पकड़े गये तीनोः
पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि तीनों सोयको बाजार चौक पर आए हुए हैं। इस सूचना पर सोयको के थाना प्रभारी प्रभात रंजन पांडेय, सब इंस्पेक्टर रोशन बाड़ा सशस्त्र बल के जवानों ने उन्हें घेरकर गिरफ्तार कर लिया। तीनों ने प्रारंभिक पूछताछ में हत्याकांड में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है।