रांची। रांची के अनगड़ा थाना क्षेत्र के बैजनाथ टाटा कॉलोनी में धर्मांतरण के प्रयास का मामला सामने आया है। यहां कुछ लोगों ने एक बीमार युवक को इलाज के बहाने बहला-फुसलाकर ईसाई धर्म अपनाने के लिए दबाव बनाया। जैसे ही ग्रामीणों को इसकी भनक लगी, उन्होंने इसका कड़ा विरोध किया और धर्मांतरण कराने वालों को गांव से भगा दिया।
यह है मामलाः
गांव के सूरज मलहार जो मजदूरी करता है, पिछले कुछ दिनों से बीमार था। इस बीच पास्टर डेविड लकड़ा अपने कुछ साथियों के साथ सूरज के घर पहुंचा। उन्होंने सूरज से कहा कि अगर वह ईसाई धर्म अपना ले, तो उसकी बीमारी ठीक हो जाएगी और उसकी आर्थिक स्थिति भी सुधर जाएगी। धर्म परिवर्तन का लालच दिखाकर एक महीने पहले ही सूरज के भाई रंथू मलहार को ईसाई बना दिया गया था।
अब सूरज को भी उसी रास्ते पर ले जाने की कोशिश की जा रही थी। लेकिन जैसे ही गांव के युवकों को इस बात की जानकारी मिली, वे तुरंत सूरज के घर पहुंचे और धर्मांतरण कराने वालों को धनकी देकर गांव से भगा दिया।
गांव के लोगों का कहना है कि पहले भी कई लोग ईसाई धर्म अपना चुके हैं। इस इलाके में सरजू करमाली और उनकी बेटी नमिता करमाली पहले से ही ईसाई धर्म अपना चुके हैं। वे फिर धर्मांतरण कराने आए थे। ग्रामीणों ने सूरज को भी चेतावनी दी कि अगर उसने ईसाई धर्म अपनाया, तो गांव में उसका बहिष्कार कर दिया जाएगा।
बताते चलें कि 2 साल पहले भी इस इलाके में करमाली और महली समुदाय के कई परिवारों ने ईसाई धर्म अपना लिया था। हालांकि, ग्रामीणों के विरोध के बाद धर्म परिवर्तन की घटनाएं कुछ हद तक रुक गई थीं। लेकिन अब फिर से ऐसी गतिविधियां होने लगी हैं, जिससे गांव में नाराजगी बढ़ रही है।
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