रांची : रामगढ़ विधानसभा उप चुनाव के लिए चुनाव प्रचार का शोर शनिवार को थम गया। चुनाव प्रचार का शोर थम जाने के बाद अब प्रत्याशी डोर-टू-डोर जाकर लोगों से वोट करने के लिए अपील कर रहे हैं। इस चुनाव में जीत हासिल करने के लिए महागठबंधन के साथ एनडीए ने भी अपनी पूरी ताकत लगा दी है। भाजपा के साथ गठबंधन में आजसू ने इस सीट पर सुनीता चौधरी को मैदान में उतारा है। इस सीट पर लंबे समय से आजसू का कब्जा रहा है। वहीं कांग्रेस की ओर से बजरंग महतो चुनाव के मैदान में हैं और उन्हें महागठबंधन के सहयोगी दलों का समर्थन हासिल है। चंद्र प्रकाश चौधरी के सांसद बन जाने के बाद कांग्रेस की ममता देवी ने इस सीट पर जीत हासिल की थी।
27 फरवरी को होगा मतदान
रामगढ़ उपचुनाव के लिए 27 फरवरी को मतदान होगा। वहीं, दो मार्च को वोटों की गिनती होगी। एनडीए और महागठबंधन ने उपचुनाव में जीत के लिए जमकर प्रचार किया है। रामगढ़ विधानसभा में जीत के लिए झामुमो, कांग्रेस, राजद, झापा, भाजपा और आजसू सहित कई दलों के नेताओं ने खूब प्रचार किया है। इस चुनाव में कांग्रेस और आजसू के बीच सीधी लड़ाई है।
उपचुनाव में बेहतर रहा है महागठबंधन का रिपोर्ट कार्ड
राज्य में हुए उपचुनावों में महागठबंधन का रिपोर्ट बेहतर रहा है। 2020 के बाद अब तक हुए उप चुनावों में सत्तारूढ़ महागठबंधन को जीत मिली है। रामगढ़ विधायक रहीं ममता देवी के जेल जाने के बाद उनके पति बजरंग महतो चुनावी मैदान में है वहीं पिछली बार ममता देवी को कड़ी टक्कर देने वाली सुनीता चौधरी मैदान में हैं। चंद्र प्रकाश चौधरी ने लोकसभा चुनाव में मिली जीत के बाद यह सीट छोड़ दी। 2019 का लोकसभा चुनाव गिरिडीह से उन्होंने लड़ा था और वह सांसद बन गये।
बीते चुनाव में ममता देवी को मिली थी जीत
पिछले चुनाव पर नजर डालें तो कांग्रेस प्रत्याशी ममता देवी ने 44.70 प्रतिशत वोट लाकर जीत हासिल कर ली थी। आजसू को 31.86 और भाजपा को 14.26 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे। आजसू और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होता रहा है। आंकड़े गवाह हैं पिछले तीन बार हुए चुनाव में दोनों दलों के बीच ही 60-70 प्रतिशत वोट बंटते रहे हैं।
लोकप्रियता का लिटमस टेस्ट है उपचुनाव
इस उपचुनाव को एक तरह के लिटमस टेस्ट की तरह देखा जा रहा है। बड़ी तैयारी से पहले यह एक टेस्ट पेपर की तरह है जो यह साबित करेगा की झारखंड में कौन कितना मजबूत है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रचार में भाजपा की नीतियों की आलोचना की तो आजसू और भाजपा के नेताओं ने जनसभा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से उनके रोजगार के वादे पर सवाल किया। सत्ताधारी दलों की ओर से मुख्यमंत्री के साथ कंधे से कंधा मिलाकर गठबंधन के कई नेताओं ने प्रचार किया तो भाजपा-आजसू गठबंधन की तरफ से नेता बाबूलाल मरांडी, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, आजसू पार्टी के अध्यक्ष सुदेश महतो और सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी सहित कई लोग चुनाव प्रचार में शामिल थे।
18 उम्मीदवार उपचुनाव के मैदान में हैं
बजरंग महतो (कांग्रेस), सुनीता चौधरी (आजसू पार्टी), युगन कुमार (नवोदय जनतांत्रिक पार्टी), संतोष कुमार महतो (झारखंड पार्टी), अजीत कुमार (निर्दलीय), इमाम सफी (निर्दलीय), कामदेव महतो (निर्दलीय), तुलेश्वर कुमार पासवान (निर्दलीय), धनंजय कुमार पुटूस (निर्दलीय), पांडव कुमार महतो (निर्दलीय), प्रदीप कुमार (निर्दलीय), फारुख अंसारी (निर्दलीय), मनोज कुमार बेदिया (निर्दलीय), महिपाल महतो (निर्दलीय), रामावतार महतो (निर्दलीय), रंजीत महतो (निर्दलीय), सहदेव कुमार (निर्दलीय) और सुलेन्द्र महतो (निर्दलीय) प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में हैं।